नवरात्रि अष्टमी नवमी 2023 Navratri Ashtami Navmi Kab Hai
कन्या पूजन 2023 में कब है Kanya Pujan Muhurat 2023
नवरात्रि के दिनों में आप प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक कभी भी कन्या पूजा कर सकते हैं. नवरात्रि के प्रथम दिन से लेकर महानवमी तक कन्या पूजन करने का विधान है. हालांकि अधिकतर जगहों पर लोग दुर्गा अष्टमी और महानवमी को कन्या पूजा करते हैं. शास्त्रों में कन्या पूजन के लिए नवरात्रो की अष्टमी और नवमी तिथि बेहद ख़ास मानी जाती है आप अपनी सुविधा और मान्यता अनुसार इस नवरात्रि में कन्या पूजन 22 अक्तूबर को दुर्गा अष्टमी या 23 अक्तूबर को महानवमी के दिन कर सकते हैं।
अष्टमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त Kanya Pujan Muhurat 2023
- दुर्गा अष्टमी 22 अक्तूबर को है। दुर्गा अष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:26 से शाम 06:44 बजे तक है. ऐसे में आप 22 अक्टूबर को सुबह 06:26 से कन्या पूजा कर सकते हैं.
- अष्टमी कन्या पूजन विशेष मुहूर्त
- सुबह 07.51 मिनट – सुबह 10.41 मिनट
- दोपहर 01.30 मिनट-दोपहर 02.55 मिनट
- शाम 05.45 मिनट-रात 08.55 मिनट
- रात 07.35 मिनट-रात 08.22 मिनट
महानवमी कन्या पूजन का मुहूर्त Mahanavmi Kanya Pujan Muhurat 2023
- दुर्गा महानवमी 23 अक्टूबर को है| वहीं महानवमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:27 मिनट से शाम 05:14 मिनट तक और रवि योग पूरे दिन है. इस वजह से आप 23 अक्टूबर को सुबह 06:27 बजे के बाद कभी भी कन्या पूजा कर सकते हैं.
- महानवमी कन्या पूजन विशेष मुहूर्त
- सुबह 06.27 मिनट-सुबह 07.51 मिनट
- दोपहर 1.30 मिनट-दोपहर 02.55 मिनट
- शाम 04.19 मिनट-रात 07.19 मिनट
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कन्या पूजन विधि Kanya Pujan Vidhi
दुर्गाष्टमी या महानवमी आप जिस दिन भी कन्या पूजन करे उस दिन सबसे पहले प्रातःकाल स्नान आदि के बाद मां दुर्गा की विधिवत पूजा कर भोगा लगाए और हवन आदि करे. फिर कन्याओं को भोजन पर आमंत्रित करें और आदरपूर्वक उन्हें आसन पर बैठाएं। इसके बाद साफ जल से उनके पांव धोकर उन्हें तिलक करे और उनकी आरती उतारे. इसके बाद घर पर बने शुद्ध पकवान भोजन के लिए दें। इस दिन हलवा, चना और पूड़ी का भोग बनाये| मां दुर्गा स्वरूप कन्याओं को भोजन कराने के बाद दक्षिणा दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। इसके बाद खुशी खुशी उनको विदा करें. कन्याओ के साथ एक लांगुर का भी पूजन करना चाहिए|