प्रदोष व्रत पूजा विधि 2022 Pradosh Vrat Poja Vidhi
Pradosh Vrat 2022 शास्त्रों में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व बताया है. मान्यता है कि भगवान शिव एक ऐसे देवता है, जो मात्र एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं. हर माह की त्रयोदशी भगवान शिव को समर्पित होती है. प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस साल ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 27 मई को है इस दिन शुक्रवार होने के कारण यह शुक्र प्रदोष होगा. इस बार ज्येष्ठ कृष्ण प्रदोष व्रत सौभाग्य, शोभन, सर्वार्थ सिद्धि योग में आ रहा है जिससे इस व्रत का प्रभाव और अधिक होगा. इस व्रत में शिव पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है. आज हम आपको साल 2022 ज्येष्ठ कृष्ण प्रदोष व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.
ज्येष्ठ कृष्ण प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat May Month Date
- साल 2022 में ज्येष्ठ कृष्ण प्रदोष व्रत 27 मई शुक्रवारको रखा जाएगा.
- प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 27 मई सायंकाल 06:32 मिनट से रात्रि 08:49 मिनट तक|
- ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ होगी – 27 मई प्रातःकाल 11:47 मिनट पर|
- ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त होगी – 28 मई सायंकाल 01:09 मिनट पर|
शुक्र प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi
शुक्रवार के दिन पड़ने के कारण यह शुक्र प्रदोष होगा. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले और भगवान शिव व माता पार्वती की विधिवत पूजा करे. प्रदोष काल में शुद्ध होकर भगवान शिव का गंगाजल मिले जल से अभिसेक कर उन्हें बेल पत्र, अक्षत , फूल, धूप दीप, चंदन, फल, पान, सुपारी सभी पूजन सामग्री अर्पित करे. मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री अर्पित करे. अंत में शुक्र प्रदोष व्रत कथा पढ़कर आरती कर ले. मान्यता है कि शुक्र प्रदोष के दिन व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं और सुखी दांपत्य जीवन की प्राप्ति होती है.
शुक्र प्रदोष महत्व shukra Pradosh Mahtva
शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से दो गायों को दान देने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है. जो जातक त्रयोदशी का व्रत रखकर प्रदोष कल में भगवान शिव की आराधना करता है, उस पर शिव जी की कृपा होगी। इस व्रत को रखने वाला व्यक्ति जन्म-जन्मान्तर के फेरों से निकल कर मोक्ष प्राप्ति की और अग्रसर होता है और उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।
शुक्र प्रदोष व्रत उपाय Shukra Pradosh Upay
शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने की सबसे उत्तम तिथि मानी गयी है. अगर यह शुक्र प्रदोष हो तो इस दिन रखे व्रत व की गयी पूजा का फल कई गुना अधिक बढ़ जाता है क्योकि शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी जी को समर्पित है ऐसे में इस दिन भगवान शिव माता लक्ष्मी और साथ ही लक्ष्मी पूजन से सौभाग्य में वृद्धि होती है आइये जानते है इस दिन कौन से विशेष कार्य या उपाय करना शुभ होता है.
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- मान्यता है की शुक्र प्रदोष के दिन शिवलिंग पर यदि बिना टूटे चावल चढ़ाएं जाएं तो इस उपाय से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। ज्योतिष अनुसार, चावल शुक्र का अनाज है और शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में शुक्र प्रदोष के दिन इस उपाय को करना विशेष लाभ करता है.
- शुक्र प्रदोष के दिन बन रहे शुभ योग में शिवलिंग का कच्चे दूध से अभिषेक करे इससे मनोकामना पूर्ण होगी.
- आज के दिन शिव जी का बेला और हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति बढ़ती है.
- शुक्र प्रदोष के दिन घर के कमरों में कपूर की टिकिया रख दें. जब कपूर गल जाये तो उसी जगह पर दूसरी नई टिकिया रखें. इससे घर की नकारात्मकता दूर हो जायेगी और घर में खुशियां आती है.