कन्या पूजन विधि Navratri Kanya Pujan Vidhi
नवरात्रि कन्या पूजन महत्व navratri kanya pujan mahtva
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में जितना अधिक महत्व व्रत उपवास का है उससे कहीं अधिक महत्व कन्या पूजन का होता है नवरात्रि में 2 से 10 वर्ष तक की कन्याओ को माता रानी का स्वरुप मानकर पूजा जाता है. मान्यता है की एक कन्या के पूजन से ऐश्वर्य, दो कन्याओं के पूजन से मोक्ष, तीन कन्याओं के पूजन से अर्थ, धर्म और काम, चार कन्याओं के पूजन से राज्यपद, पांच कन्याओं के पूजन से विद्या, छह कन्याओं के पूजन से सिद्धि, सात कन्याओं के पूजन से सौभाग्य, आठ कन्याओं के पूजन से सुख- संपदा, नौ कन्याओं के पूजन से पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है।
कन्या पूजन विधि kanya pujan vidhi
वैसे तो नवरात्रि के प्रत्येक दिन कन्या पूजा किया जा सकता है लेकिन शास्त्रोंके अनुसार सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करना बहुत ही शुभ होता है. कन्या पूजन के लिए प्रातः काल स्नान के बाद मां की उपासना करे. प्रसाद में खीर, पूरी, और हलवा आदि सामग्री तैयार कर लें। कन्याओं को बुलाकर शुद्ध जल से उनके पांव धोएं फिर उन्हें साफ आसन पर बैठाएं इसके बाद कन्याओं को टीका लगाएं और कलाई पर रक्षा बांधें कन्याओं को भोजन परोसने से पहले मां दुर्गा को भोग लगा लें। इसके बाद प्रसाद स्वरूप में कन्याओं को प्रसाद खिलाएं। नौ कन्याओं के एक साथ एक छोटे बालक को बटुक भैरव या लंगूर के रूप में पूजे और प्रसाद खिलाये. अंत में कन्याओं को विदा करते वक्त भेंट स्वरुप कुछ देकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें.
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नवरात्रि कन्या को क्या दे navratri kanya ko kya de
शास्त्रों के अनुसार माता रानी की कृपा पाने के लिए नवरात्रि के किसी भी दिन सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ हो जाय और एक जटा और पानी वाला नारियल ले इसे गंगाजल मिला जल लेकर शुद्ध कर ले अब माता रानी के सामने शुद्ध घी का दीपक जला ले और विधिवत माँ की पूजा करे फिर नारियल को कुमकुम से तिलक कर स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर माँ के चरणों में अपनी मनोकामना का ध्यान करते हुए अर्पित करे दे और ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र जा जप करे. पूजा कके बाद इस नारियल को किसी छोटी कन्या को दे दे. इस उपाय से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.