कजरी तीज तिथि पूजा विधि Kajari Teej Date Time 2022
कजरी तीज तिथि व शुभ मुहूर्त Kajari Teej Date time tithi Muhurt 2022
- साल 2022 में कजरी तीज का व्रत 14 अगस्त रविवार के दिन रखा जाएगा |
- तृतीया तिथि शुरू होगी – 14, अगस्त प्रातःकाल 12:53 मिनट पर |
- तृतीया तिथि समाप्त होगी – 14, अगस्त रात्रि 10:35 मिनट पर |
कजरी तीज पूजा विधि Kajari Teej Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार कजरी तीज के दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा के अलावा नीमड़ी माता की पूजा की जाती है. इस दिन प्रातः स्नान के बाद पूजा के लिए मिट्टी और गोबर से दीवार के किनारे तालाब जैसी आकृति बना ले और नीम की टहनी को तालाब के भी भीतर लगाया जाता है. अब उसपर घी और गुड़ से पाल बांधे | तालाब जैसी आकृति पर कच्चा दूध और जल डालकर दिया प्रज्वलित करे. एक थाली में नींबू, ककड़ी, केला, सेब, सत्तू, रोली, मौली, अक्षत आदि पूजन सामग्री रखकर नीमड़ी माता को अर्पित करे. दीवार पर मेहंदी, रोली की 13 बिंदिया व काजल की भी 13 बिंदी लगाएं, उसके बाद जो भी चीजें आपने माता को अर्पित की हैं, उसका प्रतिबिंब तालाब के दूध और जल में देखें. मान्यता है की ऐसा करने से महिलाओ को अखंड सुहाग, और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. अगले दिन स्नान के बाद गाय को गुड़ खिलाने के बाद व्रत खोलना संपन्न करे.
चंद्रमा को अर्घ्य देने की सही विधि Kajari Teej Vidhi
कजरी तीज पर शाम के समय शिव-पार्वती और नीमड़ी माता की पूजा के बाद चांद को अर्घ्य देने की परंपरा है. शास्त्रों के अनुसार चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देने से पहले चंद्रमा को जल के छींटे देकर रोली, मोली, अक्षत चढ़ायें और फिर भोग अर्पित करना चाहिए. इसके बाद हाथो में गेहूं के दाने लेकर जल से अर्घ्य देना चाहिए. अब अंत में एक ही जगह खड़े होकर परिक्रमा कर चंद्रदेव का आशीर्वाद लेना चाहिए.
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कजरी तीज व्रत नियम Kajari Teej Niyam
- शास्त्रों के अनुसार इस व्रत में महिलाओ को पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर रात में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर भोजन कर व्रत खोलना चाहिए.
- कजरी तीज का व्रत करने वाली महिलाओ को आज के दिन पूर्ण श्रद्धा से इस व्रत को करना चाहिए और किसी पर भी क्रोध नहीं करना चाहिए।
- कजरी तीज के दिन दुसरो की बुराई या किसी बड़े-बूढ़े का अपमान नहीं करना चाहिए.
- तीज का यह व्रत निर्जल रहकर पूरा करना चाहिए हालांकि गर्भवती महिलाये फलाहार कर सकती हैं।
- यदि किसी भी कारणवस चांद उदय होते न दिखे तो रात्रि में आसमान की ओर अर्घ्य देकर व्रत खोला जा सकता है।
- यदि आप व्रत का उद्यापन कर लेते है और पुनः निर्जल व्रत नहीं रख पाते है तो आप इस व्रत को फलाहार करने का संकल्प लेकर फलाहार व्रत कर सकते है.
- तीज के व्रत में सुहागन महिलाओ को सोलह श्रृंगार करना चाहिए.
- कजरी तीज के व्रत में सास और सुहागन महिलाओ को श्रृंगार की सामग्री देना शुभ होता है.