कजरी तीज 2021 कब है Kajari Teej Date Time 2021
कजरी तीज तिथि व शुभ मुहूर्त Kajari Teej Date time tithi Muhurt 2021
- साल 2021 में कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त बुधवार के दिन रखा जाएगा.
- तृतीया तिथि शुरू होगी 24, अगस्त सायंकाल 04:04 मिनट पर ||
- तृतीया तिथि समाप्त होगी 25, अगस्त सायंकाल 04:18 मिनट पर ||
कजरी तीज पूजा विधि Kajari Teej Puja Vidhi
कजरी तीज के दिन सुहागन महिलाये निर्जल उपवास कर पति की दीर्घायु की कामना करती है कजरी तीज के दिन नीमड़ी माता की पूजा की जाती हैं. इस दिन प्रातः स्नान केबाद पूजा के लिए मिट्टी और गोबर से दीवार के किनारे तालाब जैसी आकृति बना ले और उस पर घी और गुड़ से पाल बांधे | अब तालाब जैसी आकृति पर कच्चा दूध और जल डालकर दिया प्रज्वलित करे. एक थाली में नींबू, ककड़ी, केला, सेब, सत्तू, रोली, मौली, अक्षत आदि पूजन सामग्री रखकर नीमड़ी माता को अर्पित करे. दीवार पर मेहंदी, रोली की 13 बिंदिया व काजल की भी 13 बिंदी लगाएं, उसके बाद जो भी चीजें आपने माता को अर्पित की हैं, उसका प्रतिबिंब तालाब के दूध और जल में देखें. मान्यता है की ऐसा करने से महिलाओ को अखंड सुहाग, और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. अगले दिन स्नान के बाद गाय को गुड़ खिलाने के बाद व्रत खोलना संपन्न करे.
चंद्रमा को अर्घ्य देने की सही विधि Chandrma Ko Arghya
शास्त्रों के अनुसार कजरी तीज पर चाँद निकलने पर पूजा के बाद चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है। अर्घ्य देने से पूर्व चन्द्रमा को रोली, अक्षत और मौली अर्पित करें। इसके बाद गेंहू के दानों को हाथ में लेकर चंद्रमा के अर्ध्य देते हुए अपने स्थान पर खड़े होकर परिक्रमा व्रत पूजा संपन्न करनी चाहिए.
कजरी तीज व्रत नियम Kajari Teej Fast Rules.
- शास्त्रों के अनुसार कजरी तीज का व्रत करने वाली महिलाओ को आज के दिन पूर्ण श्रद्धा से इस व्रत को करना चाहिए तथा किसी पर भी क्रोध नहीं करना चाहिए।
- कजरी तीज के दिन दुसरो की बुराई या किसी बड़े बूढ़े का अपमान नहीं करना चाहिए.
- तीज का यह व्रत निर्जल रहकर पूरा करना चाहिए हालांकि गर्भवती महिलाये फलाहार कर सकती हैं।
- यदि किसी भी कारणवस चांद उदय होते न दिखे तो रात्रि में लगभग 11:30 मिनट पर आसमान की ओर अर्घ्य देकर व्रत खोला जा सकता है।
- यदि आप व्रत का उद्यापन कर लेते है और पुनः निर्जल व्रत नहीं रख पाते है तो आप इस व्रत को फलाहार भी कर सकते है.
- इस दिन सोलह श्रृंगार करना चाहिए बिना श्रृंगार के नहीं रहना चाहिए.