जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त पूजन विधि Shree Krishn Janmashtami Vrat Vidhi
जन्माष्टमी तिथि व शुभ मुहूर्त 2025 Janmashtami Shubh Muhurat 2025
- साल 2025 में कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त को मनाई जाएगी|
- अष्टमी तिथि आरंभ – 15 अगस्त को रात्रि 11:49 मिनट |
- अष्टमी तिथि समाप्त– 16 अगस्त रात्रि 09:34 मिनट पर|
- रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ – 17 अगस्त प्रातःकाल 04:38 मिनट|
- रोहिणी नक्षत्र समाप्त – 18 अगस्त प्रातःकाल 03:17 मिनट|
- निशिथ काल पूजा का समय– 15 अगस्त रात्रि 12:04 मिनट से 12:47 मिनट |
- पारण का समय – 15 अगस्त रात्रि 12:47 मिनट के बाद |
जन्माष्टमी व्रत पूजन विधि Janmashtami Puja Vidhi
शास्त्रों की माने तो कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। इस दिन शाम के समय पूजास्थल पर बाल गोपाल की प्रतिमा स्थापित कर पूजास्थल को सजाये. मध्यरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त में प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराये. स्नान कराकर प्रतिमा के सामने दीप जलाये. पीले वस्त्र व आभूषण पहनाये, माखन मिश्री का भोग लगाए अंत में आरती कर झूला झुलाये. अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण कर पूजा संपन्न करे.
कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व Janmashtami Mahatva 2025
पौराणिक कथाओ के अनुसार जन्माष्टमी के त्यौहार का विशेष महत्व है। यह प्रेम, ज्ञान और आनंद का प्रतीक है मान्यता है की इस दिन व्रत करने और विधि-विधान से भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरुप की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. श्रीकृष्ण की पूजा से संसार के समस्त सुख का आनंद मिलता है. संतान प्राप्ति के लिए भी जन्माष्टमी का दिन महत्वपूर्ण माना जाता है