पापमोचिनी एकादशी 2020 कब है Papmochini Ekadashi Vrat Muhurat 2020

पापमोचिनी एकादशी पापमोचनी एकादशी क्यों है खास Papmochini Ekadashi Importance 2020

पापमोचिनी एकादशीपापमोचिनी एकादशी- चैत्र नवरात्रि से पहले चैत्र कृष्णा पक्ष में आने वाली एकादशी पापमोचिनी एकादशी कही जाती है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह साल की आखिरी एकादशी भी होती है। शास्त्रों में एकादशी तिथि बेहद शुभ होती है प्राचीन मान्यताओं के अनुसार यदि कोई मनुष्य जाने-अनजाने किये गये पापों का प्रायश्चित करना चाहता है तो उसे पापमोचिनी एकादशी का व्रत कर भगवान विष्णु जी की आराधना करनी चाहिए | साल 2020 में पापमोचिनी एकादशी की तिथि को लेकर विरोधाभास की स्तिथि बन रही है इसीलिए आज हम आपको साल 2020 चैत्र महीने की अंतिम पापमोचिनी एकादशी व्रत की सही तारीख पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बताएँगे.

पापमोचिनी एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त 2020 Papmochini Ekadashi Dte time 2020

  1. साल 2020 में 19 मार्च गुरुवार को पापमोचिनी एकादशी पड़ेगी जो एक दिन न होकर दो दिन यानि की 19 और 20 मार्च तक रहेगी|
  2. एकादशी तिथि आरम्भ होगी – 19 मार्च गुरुवार प्रातःकाल 04:26 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त होगी – 20 मार्च शुक्रवार प्रातःकाल 05:59 मिनट पर |
  4. व्रत के पारण का समय होगा – 20 मार्च दोपहर 01:41 मिनट से सायंकाल 04:07 मिनट तक|

पापमोचिनी एकादशी पूजा विधि Papmochini Ekadashi Puja Vidhi

पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी के चतुर्भुज रूप की पूजा का विधान है एकादशी तिथि को प्रातः काल स्नान के बाद विधिवत भगवान विष्णु जी की पूजा आराधना करें। पूरे दिन व्रत रखकर उन्हें भोग लगाए पूजा में घी का दीप जलाए इसके बाद जाने-अनजाने किये गए पापो के लिए भगवान विष्णु से हाथ जोड़कर क्षमा याचना करें। पूजा के समय ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र और विष्णुसहस्त्रनाम का जप करे। यदि संभव हो तो एकादशी की रात जागरण और भजन कीर्तन करे पूजा के बाद एकादशी व्रत की कथा पढ़े और आरती करे. अगले दिन अर्थात द्वादशी तिथि को व्रत का पारण कर व्रत सम्पन्न करे. ध्यान रखे की व्रत द्वाद्शी तिथि समाप्त होने से पहले खोल लेना चाहिये.

पापमोचिनी एकादशी व्रत का महत्व Papmochini Ekadashi Importance

पापमोचिनी एकादशी जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है की ये एकादशी समस्त पापो का नाश करने वाली है इस एकादशी का व्रत चैत्र कृष्णा पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति द्वारा जाने अनजाने किये गए पापो से मुक्ति पाने के लिए पापमोचिनी एकादशी का बहुत अधिक महत्व रखता है आज के दिन यदि भगवान विष्णु जी के चतुर्भज रूप की पूजा की जाय तो व्यक्ति को सभी पापो से मुक्ति मिलने के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.

एकादशी व्रत का पारण कब करें Papmochini Ekadashi Vrat Paran 2020

शास्त्रों की माने तो एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले ही करना शुभ होता है यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाती है तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद ही पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। इसलिए जो भी यह व्रत रखते है और व्रत का पारण करते है उन्हें हरि वासर की अवधि समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए और फिर पारण करना चाहिए.

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पापमोचनी एकादशी क्यों है खास Papmochini Ekadahi Important

शास्त्रों की माने तो इस वर्ष पापमोचनी एकादशी गुरुवार के दिन पड़ेगी. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए बहुत ही खास माना जाता है पापमोचनी एकादशी के दिन भी भगवान विष्णु की ही पूजा आराधना की जाती है, इसलिए गुरुवार के दिन पापमोचनी एकादशी पड़ने के कारन इसका महत्व और लाभ और भी अधिक बढ़ जाता है।

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