कामिका एकादशी व्रत पूजा शुभ मुहूर्त 2018 Kamika Ekadashi Vrat Festival Tips

कामिका एकादशी व्रत पूजन विधि 2018 Kamika Ekadashi Vrat

कामिका एकादशी व्रतकामिका एकादशी व्रत- शास्त्रों में एकादशी का बहुत अधिक महत्व बताया गया है वैसे तो पूरे सालभर में 24 एकादशियां आती है लेकिन जब किसी साल में मलमास या अधिकमास होता है तब इनकी संख्या 26 हो जाती है। सावन के पवित्र महीने में कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी कामिका एकादशी कहलाती है साल 2018 सावन माह में यह एकादशी 7 अगस्त यानि की मंगलवार के दिन होगी. पौराणिक कथाओं के अनुसार कामिका एकादशी का व्रत व्यक्ति द्वारा किये गए किसी भी तरह के पापो का नाश करने का सबसे बेहतर उपाय है. सावन के महीने में एकादशी का आना शास्त्रों के अनुसार बहेद ही विशेष संयोग होता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सावन माह में आने वाली एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजा आराधना करते है तो सभी देवताओं की पूजा के बराबर का फल उन्हें प्राप्त होता है. आज हम आपको सावन माह 7 अगस्त को पड़ने जा रही कामिका एकादशी व्रत के शुभ मुहूर्त पूजन विधि और इसके महत्व के बारे में बताएँगे. 

कामिका एकादशी व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Kamika Ekadashi vrat Shubh Muhurt 2018

सावन माह में कामिका एकादशी व्रत 7 अगस्त 2018 मंगलवार के दिन होगा. एकादशी तिथि 7 अगस्त मंगलवार के दिन 07:52 मिनट से शुरू हो जायेगी और 8 अगस्त बुधवार के दिन 05:15 मिनट पर समाप्त होगी एकादशी के पारण का समय 8 अगस्त बुधवार के दिन 13:45 मिनट से 16:24 मिनट तक का होगा.

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कामिका एकादशी व्रत की संपूर्ण पूजा विधि Kamika Ekadashi Vrat Pujan Vidhi Festival Tips

शास्त्रों में कामिका एकादशी व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है एकादशी तिथि के दिन प्रातः काल उठकर स्नानादि के बाद भगवान विष्णु जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए इसके बाद सभी पूजन सामग्री जैसे- धूप-दीप फल-फूल, तिल, दूध, पंचामृत रोली-अक्षत का तिलक कर भगवान को अर्पित करे यदि संभव हो तो इस दिन निर्जल रहकर विष्णुजी की आराधना करनी चाहिए. पूजा के बाद गरीबों और ब्राह्मण को दान दक्षिणा देनी चाहिए. इस प्रकार जो कोई भी एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से करता है तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

एकादशी व्रत पारण विधि Kamika Ekadashi Fast Paaran 2018

एकादशी व्रत के बाद व्रत के पारण का भी बहुत महत्व है द्वादशी तिथि के दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मण को भोजन कराकर दान दक्षिणा देनी चाहिए. यदि किसी कारणवश ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करना संभव ना हो तो एक व्यक्ति के भोजन के बराबर अनाज किसी गरीब को या मंदिर में दान कर देने से उतना ही फल प्राप्त होता है जितना ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन कराने से.

कामिका एकादशी व्रत का महत्व Importance Of kamika Ekadashi Vrat Astrology Horoscope

पौराणिक कथाओं के अनुसार इस एकादशी के महत्व को खुद भगवान कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था। उन्होंने कहा की जो भी यह एकादशी व्रत करेगा उसे अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर ही फल की प्राप्ति होगी. कामिका एकादशी के व्रत के फलस्वरूप व्यक्ति के सभी प्रकार के बिगड़े काम बन जाते है कहा जाता है की श्रावण मास में भगवान विष्णुजी की पूजा करने से सभी गन्धर्वों और नागों की भी पूजा पूरी होती है इस दिन व्रत कथा सुनने मात्र से भी यज्ञ करने के समान फल मिलता है.

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