नवरात्रि में ज्वारे के शुभ अशुभ संकेत Importants of Jware in Navratri 2022

नवरात्रि में ज्वारे का महत्व जानें क्या हैं संकेत Navratri 2022 Kalash Sthapana

Importants of Jware in Navratri 2022Importants of Jware in Navratri 2022 चैत्र नवरात्रि हो, शारदीय नवरात्रि या फिर गुप्त नवरात्रि सभी में ज्वारे बोने का खास महत्व है. मान्यता है की जो लोग नवरात्रि में घट या कलश स्थापना करते है उन्हें ज्वारे बोने चाहिए. क्योकि इनके बिना माँ की पूजा अधूरी मानी जाती है. नवरात्रि में प्रतिपदा तिथि के दिन कलश स्थापना से पहले मिट्टी के बर्तन में ज्वारे बोने की परंपरा है. ज्वारों को कलश स्थापना के समय शुभ मुहूर्त में ही बोया जाता है और फिर नवरात्रि के समापन पर इन्हे बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए. इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से 11 अप्रैल तक है. आज हम बात करेंगे नवरात्रि में बोये जाने वाले ज्वरो के महत्व और इनसे जुड़े कुछ शुभ अशुभ संकेतो के बारे में, तो आइये जानते है नवरात्रि में ज्वारे क्यों बोये जाते हैं और इनका क्या महत्त्व है.

ज्वारे क्या होते हैं

नवरात्रि में घर, मंदिर या पंडाल में पूजा स्थल पर मां की प्रतिमा या चित्र के पास मिट्टी के एक पात्र में जौ के बीज बोये जाते हैं. यही जौ अंकुरित होकर नौ दिनों तक धीरे-धीरे बढ़ते रहते हैं. जो हरी-भरी फसल के जैसे दिखते हैं. नवरात्रि के दौरान नौ दिनों की पूजा के बाद नवरात्रि के समापन पर इन्हे बहते पानी में प्रवाहित किया जाता है यही ज्वारे कहलाते है.

ज्वारे बोने का महत्व

ऐसा माना जाता है की नवरात्रि में कलश स्थापना करते समय, पूजा स्थल पर ज्वारे इसलिए बोये जाते हैं क्योंकि हिन्दू धर्म ग्रंथों में सृष्टि की शुरूआत के बाद की पहली फसल जौ ही थी. इसलिए जब भी देवी-देवताओं की पूजा होती है, तो हवन में जौ अर्पित किये जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहते है की नवरात्रि में बोया गया जौ जितनी तेजी से बढ़ता है ठीक उसी तेजी के साथ जातक भी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता है. हालांकि कई बार जौ ठीक से न बोने से भी वे नहीं उगते हैं. इसके अलावा जौ को ब्रह्मा जी का स्वरुप भी माना गया हैं.

ज्वारे के संकेत

माना जाता है की ज्वारे भविष्य में आने वाले संकेतों की जानकारी देते हैं. कहते है की अगर बोये हुए जौ नवरात्रि के शुरुआत के तीन दिनों में ही अंकुरित होने लगते हैं तो ये एक शुभ संकेत होता है और वही अगर ये ज्वारे बिल्कुल न उगे तो भविष्य में आने वाली चुनोतियो का संकेत देता है.

सफ़ेद या हरे ज्वारे

प्राचीन मान्यता अनुसार अगर नवरात्रि में बोये गए जौ सफेद या हरे रंग के उगते है तो यह बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है. इसका अर्थ होता है कि आपका आने वाला समय खुशहाल और देवी मां की आप पर कृपा होगी और आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

आधे पीले और आधे हरे ज्वारे

मान्यता है की नवरात्रि में बोए गए जौ या ज्वारे का रंग अगर नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा है तो यह इस बात का संकेत है कि आपके आने वाले साल का आधा समय बहुत अच्छा रहेगा। जबकि बाकी बचे हुए वर्ष में आपको थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है.

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जौ हरे और ज्यादा मात्रा में निकलना

माना जाता है की अगर बोए गए जौ ज्यादा मात्रा में निकले और साथ ही वो एकदम हरे- भरे हो तो इसे शुभ संकेत माना जाता है जो बताता है की आपका जीवन सुख-समृद्धि और धनधान्य से भरपूर होगा. और आपके घर में खुशहाली आएगी.

जौ में अंकुर जल्दी फूटना

माना जाता है कि यदि बोई गई जौ में अंकुर जल्दी फूटते लगते हैं और ये बहुत ज्यादा बड़े हो जाते हैं तो ये इस बात का संकेत है कि जल्द ही आपके जीवन में कुछ बहुत अच्छा होने वाला है और आपको आपकी उम्मीद से कहीं ज्यादा लाभ होने की संभावना है.

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