होलिका पूजन विधि Holika Dahan Puja Vidhi
Holika Bhasm हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन और अगले दिन रंग खेलने व होली मिलने की परंपरा है. इस साल 9 मार्च को होलिका दहन होगा और 10 मार्च को रंगवाली होली खेली जाएगी। ज्योतिष अनुसार इस साल होली कई शुभ योगो के साथ आने के कारण शुभ और महत्वपूर्ण होगी। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की होलिका की अग्नि की भष्म बेहद पवित्र और शुभता बढ़ने वाली होती है तो आइये आखिर क्यों होलिका भष्म को माना जाता है पवित्र|
होलिका दहन तिथि व शुभ मुहूर्त 2020 Holika Dahan Date Time 2020
- साल 2020 में होलिका दहन 9 मार्च सोमवार के दिन किया जाएगा.
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त – 9 मार्च सोमवार शाम 6 बजकर 24 मिनट 8 बजकर 50 मिनट |
- मुहूर्त की कुल अवधी 2 घंटे 24 मिनट की होगी |
- होलिका दहन प्रदोष काल के दौरान उदय व्यापिनी पूर्णिमा के साथ किया जाता है |
- पूर्णिमा तिथि आरंभ होगी – 9 मार्च सोमवार प्रातःकाल 03:03 मिनट पर |
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 9 मार्च रात्रि 11:16 मिनट पर |
- 10 मार्च मंगलवार के दिन रंगवाली होली मनाई जायेगी|
होलिका पूजन Holika Pujan
शुभ मुहूर्त में होलिका दहन के दिन होलिका की पूजा की जाती है इस दिन बहुत सी महिलाएं व्रत रखकर पूजा करती है होलिका दहन से पहले हल्दी का टीका लगा कर सात बार होलिका की परिक्रमा करे और इसके साथ ही परिवार की सुख-शांति की कामना करे. ध्यान रखे इस दिन प्रातः 06:08 बजे से दोपहर 12:32 बजे तक भद्रा रहेगी और होलिका दहन भद्रा में नहीं होता है. इसीलिए शुभ मुहूर्त में होलिका दहन करे.
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क्यों होती है होलिका भस्म पवित्र Holika Pujan Upay
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु के परम् भक्त प्रहलाद को होलिका की अग्नि भी जला नहीं पाई थी जबकि होलिका को आग से न जलने का वरदान प्राप्त होने के बाद भी होलिका भस्म हो गई. होलिका दहन की भस्म को काफी पवित्र माना जाता है क्योकि इसमें सभी देवताओं की कृपा होती है। इस भस्म से तिलक करने पर भाग्य प्रबल होता है और बुद्धि बढ़ती है। मान्यता है कि इस भस्म में शरीर के सभी दूषित द्रव्य सोखने की अद्भुद क्षमता होती है वही अगर इस भस्म का लेप किया जाय तो त्वचा सम्बन्धी परेशानिया समाप्त हो जाती है होलिका की अग्नि में गेहूं, चना और गन्ना भुनने से शुभता में वृद्धि होती है और यदि इस भस्म का टीका लगाया जाय तो इससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और आयु वृद्धि का वरदान मिलता है.