माघ गुप्त नवरात्रि महासंयोग 2020 Gupt Navratri Mahasanyog Date Time 2020

गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Gupt Navratri 2020 Kab Hai

गुप्त नवरात्रि गुप्त नवरात्रि – शास्त्रों के अनुसार पूरे सालभर में चार बार नवरात्रि का पर्व आता है जिसमे से 2 सामान्य और 2 गुप्त नवरात्रि के रूप में जानी जाती है. देवी दुर्गा के नौ दिवसीय साधना का महापर्व माघ मास 25 जनवरी शनिवार से शुरू हो रहा है माघ के महीने आने वाली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है नवरात्रि के ठीक एक दिन पहले यानि की 24 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन शनि करीब 30 सालों बाद मकर राशि में प्रवेश करेंगे साथ ही 25 जनवरी के दिन सर्वार्थ सिद्धि और द्विपुष्कर योग होने के अलावा तृतीया तिथि बढ़ने के कारण नवरात्रि पूरे दस दिन की होगी जो की बेहद शुभ संयोग है आज इस वीडियो में हम आपको गुप्त नवरात्र 2020 के कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और दस गुना अधिक फल पाने के लिए कुछ चमत्कारिक उपाय बताएँगे.

माघ गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त 2020 Gupt Navratri Dates 2020

  1. साल 2020 में गुप्त नवरात्रि का पर्व 25 जनवरी से शुरू होकर 4 फ़रवरी तक चलेगा.
  2. घटस्थापना का शुभ मुहूर्त होगा – 25 फ़रवरी शनिवार सुबह 09:48 मिनट से 10:47 मिनट तक|
  3. मुहूर्त की कुल अवधि 59 मिनट की होगी|
  4. घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त होगा – 25 फ़रवरी शनिवार दोपहर 12:12 मिनट से 12:55 मिनट तक|
  5. मुहूर्त की कुल अवधि 43 मिनट की होगी|
  6. घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त और प्रतिपदा तिथि में करना शुभ माना जाता है
  7. प्रतिपदा तिथि आरभ होगी – 25 जनवरी सुबह 03:11 मिनट पर |
  8. प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी – 26 जनवरी सुबह 04:31 मिनट पर |
  9. 4 फ़रवरी दशमी तिथि को व्रत के पारण के साथ नवरात्रि पर्व का समापन होगा|

गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Gupt Navratri Pooja Vidhi

गुप्त नवरात्र के दौरान 10 महाविद्या व तंत्र साधना के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि में की गयी पूजा को गोपनीय रखा जाता है नवरात्रि के पहले दिन स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प ले और नौ दिनों के लिए शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करे यदि आप कलश स्थापना करते है तो सुबह शाम देवी मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ जरूर करे. देवी मां को दोनों वेला के समय लौंग और बताशे का भोग लगाएं, गुप्त नवरात्रो के दौरान मां को लाल रंग के फूल चढ़ाना सर्वोत्तम मन जाता है नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक अपना खान पान और आहार सात्विक रखें. गुप्त नवरात्री में गुप्त रूप से की गयी देवी की आराधना जल्द ही फलीभूत होती है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है।

गुप्त नवरात्री का महत्व Importance of Magh Gupt Navratri

शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्री में बेहद कड़े नियमो का पालन करते हुए व्रत और माँ काली की साधना की जाती है। यह नवरात्रि तांत्रिक सिद्धियों की पूजा के लिए सबसे उत्तम मानी गयी है। जिसमे पूरे नौ दिनों तक व्रत रखने के साथ ही साधक को नमक व अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है की गुप्त नवरात्री में यदि ज्यादा प्रचार प्रसार न करते हुए साधक द्वारा अपनी साधना को गुप्त रखा जाय तो साधक की मनोकामना और सफलता मिलने की सम्भावनाये उतनी ही ज्यादा बढ़ जाती है.

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सभी परेशानिया दूर करने का एक महाउपाय Gupt Navrtari Upay

शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की यदि व्यक्ति के जीवन में परेशानिया आ रही है या उसे किसी भी तरह की समस्या है तो गुप्त नवरात्रो में किया एक महाउपाय व्यक्ति की सभी परेशानियों का अंत कर देता है तो आइये जानते है ये महाउपाय क्या है.

  • गुप्त नवरात्रि के दौरान सर्वप्रथम स्नान कर पूजास्थल पर एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा ले अब इसपर 11 गोमती चक्र रखे. इसके बाद रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से देवी माँ के || ‘ऐं क्लीं श्रीं’|| मंत्र का 11 माला जाप करे. पूजा के बाद इन गोमती चक्रो को लाल रंग की पोटली में बांध कर तिजोरी में रख दे कहा जाता है की इस उपाय को करने व्यक्ति के जीवन से धनसंबंधी परेशानियों का जल्दी ही अंत हो जाता है.
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