हनुमान जी की कहानी Story of Lord hanuman
आइये सुनते है बजरंगबली के जन्म की एक रोचक कथा|
एक पौराणिक कथा के अनुसार बहुत समय पहले त्रेता युग में अयोध्या नाम की नगरी में राजा दशरथ का बहुप्रख्यात और समृद्ध राज्य हुआ करता था। राजा दशरथ की तीन रानियां थीं जिनका नाम कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी था। राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी इसीलिए वह बहुत दुखी रहा करते थे.
Hanuman Janm Katha एक दिन राजा दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए गुरु वशिष्ठ के मार्गदर्शन में पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया। जिसे ऋंगी ऋषि ने संपन्न किया। यज्ञ समाप्त होने के बाद यज्ञ कुंड से अग्निदेव स्वयं खीर का पात्र लेकर प्रकट हुए और राजा दशरथ को दिया राजा ने तीनों रानियों को प्रसाद रुपी वह खीर बांट दी। उसी वक्त रानी कैकेयी के हाथों से खीर का एक भाग चील ने छीन लिया और अपने मुख में भरकर उड़ गई। चील उड़ते हुए देवी अंजनी के आश्रम से होकर गुजरी और उस वक्त देवी अंजनी ऊपर देख रही थी।
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तभी अचानक अंजनी के मुख मे खीर का आंशिक भाग गिर गया देवी अंजनी ने उस खीर को भगवान शिव का आशीर्वाद समझ कर ग्रहण कर लिया यह सब भगवान शिव और वायु देव की इच्छा के अनुसार हो रहा था. इसके बाद देवी अंजनी गर्भवती हुई और उन्होंने चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान शिव के 11वें अवतार माने जाने वाले बजरंगबली को जन्म दिया।
तो इसी के साथ ये कथा यही पर ही संपन्न होती है बोलो पवनपुत्र हनुमान की जय ||