मार्गशीर्ष शुक्ल प्रदोष और धनु संक्रांति शुभ योग 2021 Guru Pradosh Vrat 2021

गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि 2021 Pradosh Vrat Poja Vidhi

Guru Pradosh Vrat 2021 Guru Pradosh Vrat 2021  पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के दोनों पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है इस व्रत में भगवान् शिव की पूजा प्रदोष काल के समय की जाती है. शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़े तो वह गुरु प्रदोष होता हैं. इस बार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 16 दिसंबर गुरुवार को है साथ ही इसी दिन धनु संक्रांति भी है जिस कारण यह प्रदोष बेहद खास होगा आज हम आपको मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी शुभ तिथि, पूजा का मुहूर्त, पूजा विधि, और गुरु प्रदोष के दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.

प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat December Month Date

  1. साल 2021 मार्गशीर्ष मास शुक्ल प्रदोष व्रत 16 दिसंबर गुरुवार के दिन रखा जाएगा.
  2. प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा- 16 दिसंबर गुरुवार सायंकाल 05:27 मिनट से लेकर 08:11 मिनट तक|
  3. त्रयोदशी तिथि आरम्भ होगी -16 दिसंबर प्रातःकाल 02:01 मिनट पर |
  4. त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 17 दिसंबर प्रातःकाल 04:40 मिनट पर |

प्रदोष और धनु संक्रांति योग Pradosh aur Dhanu Sankranti 2021

इस बार मार्गशीर्ष माह का प्रदोष व्रत 16 दिसंबर गुरुवार के शुभ योग में है यह गुरु प्रदोष इसलिए भी खास रहेगा क्योंकि इस दिन धनु संक्रांति भी रहेगी। शास्त्रों के अनुसार संक्रांति पर्व के दिन स्नान-दान और शिव पूजा करने से मनोकामना जल्दी पूरी होती है साथ ही इस दिन व्रत और शिव पूजा से जीवन की सभी परेशानियां का अंत होता है.

गुरु प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

गुरु प्रदोष का व्रत रखने से दांपत्य जीवन सुखमय बनता है. इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प लेकर गणेश जी, भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करे. शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराकर बेलपत्र, शहद, पुष्प, मदार पुष्प, शहद, सफेद चंदन आदि अर्पित करें. इसके बाद शिव परिवार के समक्ष घी का दीपक जलाकर गं गणपतये नमः और शिव पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय का जाप करें और अंत में शिव चालीसा का पाठ कर भगवान को खीर का भोग अर्पित करे.

गुरु प्रदोष महाउपाय Pradosh Vrat Mahaupay

  1. गुरू प्रदोष व धनु संक्रांति के दिन भगवान शिव, देवी पार्वती के साथ समस्त शिव परिवार का पूजन करना चाहिए.
  2. धनु संक्रांति के दिन जरूरतमंदो को भोजन कराकर दान करने से शुभ फलो की प्राप्ति होती है.
  3. गुरू प्रदोष के दिन शिव पूजन में शिवलिंग पर गुड़ मिले जल से अभिषेक करना चाहिए
  4. गुरु प्रदोष के दिन ब्राह्मण को पीली चीजों का दान करे.
  5. प्रदोष और धनु संक्रांति के दिन गायत्री मंत्र का कम से कम एक माला जाप जरूर करे
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