दीपावली 2021 तिथि व शुभ मुहूर्त Diwali 2021 Date Time Shubh Muhurat

दीपावली लक्ष्मी पूजन विधि 2021 Diwali Lakshmi Ganesh Puja Vidhi

Diwali 2021Diwali 2021- दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है इस दिन लक्ष्मी गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है. आमतौर पर यह पर्व पूरे 5 दिनों का होता है जो की धनतेरस से लेकर भाई दूज पर समाप्त होता है। इसे दीपो का उत्सव भी कहते है. इस दिन प्रदोष काल में पूजा करना बहुत ही शुभ होता है आज हम आपको साल 2021 दीपावली पर्व की सही तिथि, लक्ष्मी गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त, महत्व और इसकी संपूर्ण  पूजा विधि के बारे में बताएँगे.

दिवाली तिथि व शुभ मुहूर्त Diwali Festival 2021 Date Time

  1. साल 2021 में दिवाली का पर्व 4 नवंबर गुरुवार को मनाया जाएगा|
  2. लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त होगा – 4 नवंबर शाम 06:09 मिनट से शाम 08:04 मिनट तक |
  3. प्रदोष काल समय होगा – शाम 05:34 मिनट से शाम 08:10 मिनट तक |
  4. वृषभ काल समय होगा – शाम 06:09 मिनट से  08:04 मिनट तक |
  5. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 4 नवंबर प्रातःकाल 06:03 मिनट पर |
  6. अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 5 नवंबर प्रातःकाल 02:44 मिनट पर |

दिवाली पूजा व लक्ष्मी पूजन विधि Diwali Goddess Lakshmi Puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी गणेश पूजन विशेष होता है जिस दिन अमावस्या है उसी दिन दीवाली पूजन किया जाता है. अमावस्या तिथि पर संध्याकाल और रात्रि के शुभ मुहूर्त में पूजास्थल पर एक चौकी में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश जी की प्रतिमाये स्थापित करे और जल से भरा कलश वहां रखे. अब लक्ष्मी गणेश जी के सामने घी के दीपक जलाये इसके बाद हाथ में जल व पुष्प लेकर सभी देवी देवताओं का आहवाहन करे और विधिवत लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करे. पूजा में खील, बताशे, पंच मेवा, गुड़, फल फूल, मिठाई, , कमल का फूल व माँ लक्ष्मी जी को प्रिय कौड़िया अर्पित करे. अब माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप और श्री सूक्त का पाठ करें। दीवाली पर महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी व बहीखाते की पूजा करें। पूजा के बाद घर के सभी कोनों में दिए जलाये. दीवाली के दिन यदि आप माँ लक्ष्मी गणेश जी के साथ धन के देवता कुबेर जी का पूजन भी करते है तो यह अति शुभ होता है.

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दिवाली का महत्व Diwali Importance

हिंदू धर्म में हर त्यौहार का ख़ास महत्व होता है। माना जाता है कि विभिन्न त्यौहारों पर ग्रहों की दिशा और विशेष योग व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालते है दिवाली में किसी नए कार्य की शुरआत और किसी वस्तु की खरीददारी बेहद शुभ मानी जाती है। ज्योतिष अनुसार दीपावली के आसपास सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में होते हैं। कहते है की सूर्य और चंद्रमा की यह स्थिति शुभ फल देती है दीपावली आध्यात्मिक और सामाजिक दोनों रूप से महत्व रखती है. यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई का उत्सव माना जाता है।

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