देवशयनी एकादशी पूजा विधि Devshayani Ekadashi Puja Vidhi
देवशयनी एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त 2024 Devshayani Ekadashi Date time 2024
- साल 2024 में देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई बुधवार के दिन रखा जाएगा |
- एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 16 जुलाई रात्रि 08:33 मिनट |
- एकादशी तिथि समाप्त – 17 जुलाई रात्रि 09:02 मिनट |
- पूजा का शुभ मुहूर्त – प्रातःकाल 06:12 मिनट से प्रातःकाल 09:20 मिनट |
- देवशयनी एकादशी के दिन शुभ योग, शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, और अनुराधा नक्षत्र का संयोग बनेगा.
पारण कब करे Devshayani Ekadashi Paaran
साल 2024 में देवशयनी एकादशी व्रत का पारण 18 जुलाई प्रातःकाल 05:35 मिनट से प्रातःकाल 08:20 मिनट तक किया जायेगा|
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देवशयनी एकादशी पूजा विधि Devshayani Ekadashi Puja Vidhi
एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लेकर एक साफ चौकी पर गंगा जल छिड़ककर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें, अब प्रतिमा को चन्दन का तिलक कर फल-फूल, धुप-दीप, पंचामृत और तुलसी पत्र अर्पित करे. शाम के समय एक बार फिर से भगवान विष्णु व माँ लक्ष्मी की पूजा आरती कर व्रत कथा सुनकर आरती करे और अंत में भगवान को शयन कराये.
एकादशी का पारण कैसे करे Ekadashi Paaran
एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं. एकादशी व्रत का पारण हमेशा अगले दिन किया जाता है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना जरुरी होता है. एकादशी व्रत का पारण किसी भी मीठी चीज से कर सकते हैं. इसके लिए भगवान को मिठाई या फल का भोग लगाए. शास्त्रों के अनुसार पारण के भोजन में सेम की सब्ज़ी, सूखे मेवे भी खा सकते हैं. साथ ही इस दिन दूध से बनी मिठाई खाना भी शुभ होता है.
देवशयनी एकादशी के नियम Devshayani Ekadashi Ke Niyam
- देवशयनी एकादशीके दिन चावल या चावल से बनी अन्य चीजें जैसे पोहा, पुलाव का सेवन नहीं करना चाहिए.
- एकादशी के दिन पूर्ण रूप से सात्विक विचार के साथ ही भोजन भी सात्विक ही लेना चाहिए.
- इस दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- देवशयनी एकादशी पर पान भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि पान को राजसी चीजों में शामिल किया गया है.
- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- एकादशी के दिन तुलसी में जल ना दे और ना ही तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए.