छठ पूजा पूजा विधि Chhath Pujan Vidhi
छठ पूजा तिथि व शुभ मुहूर्त 2024 Chhath Puja Tithi Shubh Muhurt
- साल 2024 में चैती छठ पर्व 12 अप्रैल से 15 अप्रैल तक मनाया जायेगा.
- षष्ठी तिथि प्रारम्भ – 13, अप्रैल दोपहर 12:04 मिनट.
- षष्ठी तिथि समाप्त – 14, अप्रैल प्रातःकाल 11:43 मिनट.
- नहाय-खाय तिथि – 12 अप्रैल शुक्रवार
- खरना या लोहंडा – 13 अप्रैल मार्च शनिवार
- डूबते सूर्य का अर्घ्य – 14 अप्रैल रविवार
- उगते सूर्य का अर्घ्य और पारण – 15 अप्रैल सोमवार
चैती या यमुना छठ का महत्व Chaiti Chhath Mahatva
माना जाता है कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन देवी यमुना पृथ्वी पर अवतरित हुई थी। इसलिए इस दिन को यमुना छठ या यमुना जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। पौराणिक कथाओ की माने तो गोलोक में जब श्री हरि ने यमुना जी को पृथ्वी पर जाने की आज्ञा दी तब यमुना जी पृथ्वी पर अवतरित हुईं। मान्यता है कि यमुना छठ के दिन यमुना जी में स्नान-दान और पूरे विधि-विधान से पूजा करने पर व्यक्ति को भविष्य में यम और शनि का भय नहीं सताता।
चैती छठ पूजा विधि Chaiti Chhath Puja Vidhi
इस व्रत की शुरुवात नहाय खाय के साथ होती है जिसमे महिलाये 36 घंटे का व्रत करती है. इस साल चैती छठ 12 अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल तक चलेगा. संभव हो तो चैती छठ के दिन सुबह के समय यमुना में डुबकी लगाकर स्नान करे और व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवन श्रीकृष्ण, सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करे. संध्या की पूजा में यमुना अष्टक का पाठ करें। छठी मां की आरती और व्रत कथा का पाठ करें व भोग लगाएं। विधिपूर्वक सूर्यदेव को संध्या काल और उषाकाल अर्घ्य देकर व्रत संपन्न करना चाहिए.
छठ पूजा के नियम Chaiti Chhath Niyam
- शास्त्रों के अनुसार छठ पूजा करने वाले जातक को स्वछता का विशेष ख्याल रखना चाहिए.
- छठ पूजा क्क प्रसाद बनाने से पूर्व बर्तनो को अच्छी तरह से साफ़ कर लेना चाहिए.
- व्रत के दौरान तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
- छतः पूजा में ठेकुआ नामक मिठाई बनानी चाहिए.