छठ पूजा 2021 पूजा विधि Chhath Pujan Vidhi
छठ पूजा तिथि व शुभ मुहूर्त 2021 Chhath Puja Tithi Shubh Muhurt
- साल 2021 में छठ पूजा का पर्व 10 नवंबर बुधवार के दिन मनाया जाएगा.
- नहाय खाय तिथि होगी 08 नवंबर 2021
- खरना तिथि होगी 09 नवंबर 2021
- उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा 10 नवंबर
- छठ पर्व का समापन 11 नवंबर को किया जायेगा
- छठ पूजा सूर्योदय का समय होगा प्रातःकाल 06:40 मिनट|
- छठ पूजा सूर्यास्त का समय होगा शाम 05:30 मिनट|
- षष्ठी तिथि प्रारम्भ होगी 9 नवंबर प्रातःकाल 10:35 मिनट पर|
- षष्ठी तिथि समाप्त होगी 10 नवंबर प्रातःकाल 08:25 मिनट पर|
बिना हाथ धोए पूजा सामग्री न छुएं Chhath Pujan Niyam
छठ पूजा में साफ-सफाई का सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है. छठ पूजा के इन चार दिनों तक घर को विशेष साफ़-सुथरा रखें और कहीं भी गंदगी न होने दें. छठ पूजा की सामग्री के आस पास किसी भी तरह की अशुद्धि ना होने दे. जब भी आप पूजा के सामान को छूए तो बिना हाथ धोए न छुएं.
परिवार में कलेश न करें Chhath Pujan Niyam
छठ पूजा संयम का पर्व है जिसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है जो खरना, छठ पूजा और छठ पूजा के दूसरे अर्घ्य तक चलती है. ऐसे में इस बात का ध्यान रखें कि छठ पूजा के इन दिनों घर में किसी तरह का वाद विवाद या कलेश न हो.
तामसिक भोजन न खाएं Chhath Pujan Niyam
छठ पूजा के दिनों में घर में प्याज-लहसुन का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए. इस पर्व के दौरान सात्विकता का खास ख्याल रखे. कोशिश करे की घर के सभी सदस्य इसका पालन करे. इससे आपको छठ मईया का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
मनौती पूरी होने छठी मैया की पूजा करे Chhath Pujan Niyam
मान्यताओं के अनुसार अगर आपकी छठी मैया से मांगी मनौती पूरी हो गई है तो आपको अपनी मनौती को पूरा होने के बाद छठी मैया की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए और उनका आभार व्यक्ति करना चाहिए.
अर्घ देने पर ध्यान रखे Chhath Pujan Niyam
छठ पूजा के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है छठ पर्व के दौरान सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय इस बात का ख़ास ख्याल रखना चाहिए की आप जिस बर्तन से अर्घ्य दे रहे है वो चांदी, स्टेनलेस स्टील, ग्लास या प्लास्टिक का नहीं होना चाहिए. सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए.
अनाज जूठा न होने दे Chhath Pujan Niyam
अगर आप छठ पूजा का प्रसाद बनाने के लिए गेंहू आदि को धोकर धूप में सुखा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि पक्षी या जानवर उन्हें जूठा या गंदा न करे. इसके अलावा पूजा में प्रयोग में आने वाली सामग्री भी स्वच्छ होनी चाहिए.