भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Vrat Pooja Vidhi
Chaitra Sankashti Chaturthi Date Time 2022 शास्त्रों के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का अर्थ संकट को हरने वाली चतुर्थी से होता है. गणेश चौथ के दिन समस्त देवो में प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का पूजन और व्रत किया जाता है शास्त्रों की माने तो प्रत्येक माह में दो बार चतुर्थी तिथि आती है. फाल्गुन पूर्णिमा के बाद जो चतुर्थी पड़ती है उसे भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. आज हम फाल्गुन पूर्णिमा के बाद चैत्र माह में आने वाली भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय के बारे में बात करेंगे.
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2022 Sankashti Chaturthi 2022
- साल 2022 में फाल्गुन पूर्णिमा के बाद आने वाली संकष्टी चतुर्थी का व्रत 21 मार्च सोमवार को रखा जाएगा.
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी 21 मार्च प्रातःकाल 08:20 मिनट पर |
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी 22 मार्च प्रातःकाल 06:24 मिनट पर|
- चंद्रदर्शन का शुभ मुहूर्त होगा – 21 मार्च रात्रि 09:47 मिनट पर|
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi
चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान के बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह करके श्री गणेश जी का पूजन करे. पूजास्थल पर एक चौकी में पीला वस्त्र बिछाकर गणेश प्रतिमा स्थापित करे अब प्रतिमा को तिल, गुड़, लड्डू, दुर्वा, चंदन और मोदक अर्पित करें. शाम के समय भगवान गणेश जी की पुनः पूजा कर व्रत कथा का पाठ कर आरती करे. अंत में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करे. जो भी लोग इस दिन व्रत रखते हैं उन्हें फल, साबुदाना, मूंगफली और आलू से बना भोजन ग्रहण करना चाहिए.
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व Importance of Sankashti Chaturthi
चतुर्थी तिथि के दिन चन्द्र पूजन शुभ माना जाता है। चन्द्रोदय के बाद पूजा कर व्रत पूर्ण किया जाता है शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है भगवान श्री गणेश जी की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे बल बुद्धि विद्या का वरदान प्राप्त होता है प्रत्येक चतुर्थी व्रत का अपना अलग महत्व और एक अलग व्रत कथा है। इसीलिए हर माह की चतुर्थी से जुडी व्रत कथा सुनने मात्र से व्यक्ति के सारे कष्ट समाप्त हो जाते है.
संकष्टी चतुर्थी उपाय Chaitra Sankashti Chaturthi Mahaupay
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता भी कहा जाता है। मान्यता है की सभी देवो में प्रथम पूज्य भगवान् गणेश जी की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होते है यदि पूर्णिमा तिथि के बाद आने वाली संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ आसान व छोटे -छोटे उपाय किये जाय तो व्यक्ति को धन सम्पदा और ज्ञान का महावरदान मिलता है. आइये जानते है ये उपाय क्या है.
इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2022.
- चैत्र मास की भालचंद्र संकष्टी के दिन गणेश जी को 11 मोदक व लड्डुओं का भोग लगाने से मनोकामना पूरी होती है.
- संकष्टी चतुर्थी के दिन एकचौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करे और प्रतिमा को 21 दूर्वा ॐ गंग गणपतये नमः मन्त्र का जाप करते हुए अर्पित करें इससे धनसंबंधी सभी परेशानिया समाप्त होने लगती है.
- आज के दिन गणेश जी और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा घर की उत्तर दिशा में लगाकर नित्य इसकी पूजा करने से संकटो का नाश होता है और घर में सुख समृद्धि आती है.