सावन सोमवार पूजा विधि Sawan Somwar 2021 Puja Vidhi

सावन सोमवार 2021 Sawan month 2021 Kab Shuru hai

Sawan Somwar 2021 Puja VidhiSawan Somwar 2021 Puja Vidhi- सावन का महीना भगवान शिव के साथ उनके भक्तों के लिए भी विशेष और प्रिय माह होता है। मान्यता है कि इस महीने भगवान विष्णु पाताल लोक में रहते हैं इसलिए भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सावन महीना उत्तम माना जाता है. इस बार सावन माह की शुरुआत 25 जुलाई से हो रही है इसी महीने शिव भक्त कावड़ लेकर आते हैं और उस कांवड़ जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं। आज हम आपको साल 2021 सावन माह की शुभ तिथियां और सावन के महीने शिव को प्रसन्न करने के लिए की जानें वाली इस विशेष पूजा विधि और पूजन सामग्री के बारे में बताएँगे

सावन का महीना कब से शुरू हो रहा है Sawan Month Starting date 2021

Sawan Somwar 2021 Puja Vidhi- पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास का आरंभ 25 जून 2021 से हो चुका है. आषाढ़ मास का समापन 24 जुलाई 2021 को होगा. इसके बाद 25 जुलाई 2021 से श्रावण माास यानि सावन का महीना शुरू हो जायेगा. साल 2021 में सावन माह की शुरुआत 25 जुलाई से होगी और सावन का महीना 22 अगस्त 2021 को समाप्त होगा. सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को और सावन का आखिरी सोमवार 16 अगस्त को होगा पश्चिम और दक्षिण भारत के लिए सावन माह की शुरआत 9 अगस्त सोमवार से होगी जिसकी समाप्ति 7 सितम्बर मंगलवार को होगी|

सावन में शिव की पूजा का महत्व Sawan Month importance

Sawan Somwar 2021 Puja Vidhi- सावन के महीने में की गयी शिव पूजा का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भम्रण के लिए निकलते है और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते है. सावन माह में सोमवार के व्रत रखने से जीवन में आने वाली सभी परेशानिया दूर होकर सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. दांपत्य जीवन सुखद होता है और विवाह में आ रही परेशानियां शिव कृपा से दूर होती है.

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सावन सोमवार पूजा विधि Sawan Somwar Pujan Vidhi

Sawan Somwar 2021 Puja Vidhi- सावन माह में देवों के देव महादेव की विशेष रूप से पूजा की जाती है। शिव पूजा की शुरूआत महादेव के अभिषेक के साथ करनी चाहिए. ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर सबसे पहले जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, और गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करे फिर स्वच्छ जल से उन्हें स्नान कराये. शिवजी के रुद्राभिषेक के दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। रुद्राभिषेक के बाद शिवचालीसा, रुद्राष्टक का पाठ करे अभिषेक के बाद बेलपत्र, शमी पत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, कनेर के फूल, आदि सभी पूजन सम्मग्री शिवजी को अर्पित करे. इसके साथ की भोग के रूप में धतूरा, भाँग और श्रीफल महादेव को चढ़ाये. आप चाहे तो बिल्वपत्र पर चन्दन से ऊं नम: शिवाय लिखकर भी महादेव को अर्पित कर सकते है यह बहुत शुभ होता है । मंदिर में पूजा करने बाद घर आकर शिव पूजा करें। घर के पूजास्थल पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित कर शिव पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें। पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें। उसके बाद आरती कर प्रसाद वितरण करें।

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