धनतेरस 2022 जरूर खरीदे ये 1 चीज Dhanteras Shubh Yog 2022

धनतेरस तिथि व मुहूर्त 2022 Dhanteras Puja Vidhi

Dhanteras Shubh Yog 2022

Dhanteras Shubh Yog 2022 पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है इसे धन त्रयोदशी, धन्वंतरि जंयती भी कहते है। इस दिन से ही दिवाली पर्व की शुरुआत हो जाती है। मान्यता है की आज के दिन धन्वंतरि देव अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए थे इसीलिए इस दिन नए बर्तन व अन्य सामान खरीदने की परंपरा है. इस साल धनतेरस पर 27 सालो बाद सर्वार्थ सिद्धि, अमृत योग और त्रपुष्कर योग बना हुआ है इस योग में की गयी खरीदारी बहुत ही शुभ होती है. आज हम आपको साल 2022 धनतेरस से पहले घर लाइ जाने वाली 1 ऐसी खास चीज के बारे में बताएँगे जो आपके सुख सौभाग्य और धन धान्य में कई गुना अधिक वृद्धि कर सकती है.

धनतेरस तिथि व मुहूर्त 2022 Dhanteras Shubh Muhurat 2022

  1. साल 2022 में धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जायेगा|
  2. धनतेरस पूजा मुहूर्त – 23 अक्टूबर 5:44 मिनट से 06:05 मिनट तक|
  3. प्रदोष काल पूजा मुहूर्त – सायंकाल 05:39 मिनट से रात्रि 08:14 मिनट तक|
  4. वृषभ काल पूजा मुहूर्त सायंकाल 06:51 मिनट से 08:47 मिनट तक|
  5. त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी 22 अक्टूबर सायंकाल 06:02 मिनट पर|
  6. त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी 23 अक्टूबर सायंकाल 06:03 मिनट पर|

भगवान धनवंतरी पूजन का महत्व Dhanvantari Pujan Mahatva

शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान त्रयो‍दशी तिथि में भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा जाता है. इस तिथि को धन और वैभव देने वाली तिथि माना गया है. कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय बहुत ही दुर्लभ और कीमती वस्तुओं के अलावा शरद पूर्णिमा का चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरी और कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवती लक्ष्मी जी का समुद्र से अवतरण हुआ था इसीलिए दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन और उसके दो दिन पहले त्रयोदशी को भगवान धनवंतरी का जन्म दिवस धनतेरस के रूप में मनाया जाता है.

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धनतेरस पर क्या ख़रीदे Dhanteras Par Kya Khareede

पौराणिक कथाओ के अनुसार भगवान धनवंतरी को भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है. इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख और चक्र धारण किए हुए हैं. दूसरी दो भुजाओं में औषधि के साथ अमृत कलश लिए हुए हैं. मान्यता है की यह अमृत कलश पीतल का बना हुआ है पीतल भगवान धनवंतरी जी की सबसे प्रिय धातु है. वैसे तो इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती है और लंबे समय तक चलती है. लेकिन अगर शास्त्रों के अनुसार आज के दिन पीतल धातु से बनी चीजों की खरीदारी की जाए तो मना जाता है की इसका तेरह गुना अधिक लाभ मिलता है.

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