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आश्विन कृष्ण प्रदोष व्रत 2024 कब है Ashwin Krishna Pradosh Vrat 2024

प्रदोष व्रत पूजा विधि 2024 Pradosh Vrat Pooja Vidhi

Ashwin Krishna Pradosh Vrat 2024 पंचांग के अनुसार हर महीने की त्रयोदशी को रखा जाने वाला व्रत प्रदोष व्रत कहलाता है. प्रत्येक माह में दो प्रदोष व्रत आते है आश्विन माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. यह व्रत भगवन शिव को समर्पित है शास्त्रों के अनुसार त्रयोदशी के दिन भगवान शिव की उपासना प्रदोष काल में करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इस बार आश्विन कृष्ण त्रयोदशी रविवार को पड़ने के कारण यह रवि प्रदोष होगा. मान्यता है की रवि प्रदोष के दिन भगवन शिव और सूर्य देव की पूजा करने से जातक को यश की प्राप्ति होती है. आइये जानते है साल 2024 आश्विन कृष्ण प्रदोष व्रत तिथि, पूजा व पारण का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय क्या है|

आश्विन कृष्ण प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त 2024 Pradosh Vrat September 2024 Date

  1. साल 2024 में आश्विन कृष्ण प्रदोष व्रत – 29, सितम्बर रविवार को रखा जाएगा|
  2. प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 29, सितम्बर सायंकाल 06:09 मिनट से रात्रि 08:33 मिनट तक|
  3. आश्विन कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ होगी – 29, सितम्बर सायंकाल 04:47 मिनट पर|
  4. आश्विन कृष्ण त्रयोदशी समाप्त होगी – 30, सितम्बर रात्रि 07:06 मिनट पर|

प्रदोष व्रत पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर समस्त शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है प्रदोष काल शाम का समय होता है. प्रदोष काल में स्वच्छ होकर शिव परिवार और नंदी प्रतिमा को पंचामृत व जल से स्नान कराकर बेलपत्र, अक्षत, फल-फूल, धूप-दीप, नैवेद्य चढ़ाएं. इसके बाद भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू या खीर का भोग लगाएं. अंत में व्रत कथा पढ़कर समस्त शिव परिवार की आरती करें.

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रवि प्रदोष उपाय Budh Pradosh Upay

  1. प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत (दूध दही घी शहद और शक्कर) से स्न्नान कराकर शुद्ध जल से स्न्नान कराए.
  2. रवि प्रदोष के दिन पूजा में भगवन शिव को कच्चा दूध अर्पित करने से कार्यो में सफलता मिलती है.
  3. प्रदोष व्रत के दिन सफ़ेद चीजों का दान करना शुभ होता है.
  4. रवि प्रदोष सूर्य संबंधी उपायों के लिए विशेष माना गया है. यदि इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का 108 बार पाठ किया जाए तो जातक को राजयोग की प्राप्ति होती है.
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