अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि Ahoi Ashtami Vrt 2018 Date Time Shubh Muhurt
Ahoi Ashtami Vrt- जैसा की आप सभी जानते है की 27 अक्टूबर 2018 को करवाचौथ का बेहद ही प्रसिद्ध व्रत है जो की सुहागन महिलाओं द्वारा रखा जाता है करवाचौथ के बाद एक प्रमुख त्यौहार आता है जिसे अहोई माता के व्रत के नाम से भी जाना जाता है. जिस तरह से करवाचौथ का व्रत रखकर महिलाये अपने पति की दीर्घ आयु की कामना करती है ठीक उसी तरह से अहोई अष्टमी का व्रत घर के बच्चों की खुशहाली और समृद्धि के लिए रखा जाता है.आज हम आपको अहोई अष्टमी व्रत के शुभ तिथि मुहूर्त पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.
अहोई अष्टमी व्रत तिथि Ahoi Ashtmi Vrt date time
अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन रखा जाता है. करवा चौथ के ठीक चौथे दिन यह व्रत आता है साल 2018 में अहोई अष्टमी का यह व्रत 31 अक्तूबर को रखा जाएगा. इस दिन सभी मताये रात के समय तारे को देखकर अपनी संतान की दीर्घायु की कामना करती हैं और व्रत खोलती हैं| नि:संतान महिलाएं भी संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं इस व्रत के प्रभाव से उनकी मनोकामना पूर्ण होती है|
अहोई अष्टमी व्रत शुभ-मुहूर्त Ahoi Ashtami puja shubh muhurt
- अहोई अष्टमी पूजा का शुभ समय- 31 अक्तूबर 2018 शाम 17:45 से 19:02 मिनट तक का होगा.
- तारों के दिखने का समय – रात्रि 18:12 बजे
- अष्टमी तिथि 31 अक्तूबर के दिन 11:09 बजे प्रारम्भ होगी
- और 01 नवंबर 2018 को 09:10 बजे समाप्त होगी.
अहोई अष्टमी पूजा विधि Ahoi Ashtami pujan vidhi
अहोई माता के व्रत के दिन प्रात: काल उठकर स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और संतान प्राप्ति व संतान के सुखी जीवन की कामना करनी चाहिए. मान्यताओं के अनुसार किसी भी तरह की अनहोनी से सभी को बचाने वाली माता पार्वती हैं इसलिए इस व्रत में माता पर्वती की पूजा करने का विधान है. पूजा के लिए सर्वप्रथम गेरू से दीवाल पर अहोई माता का चित्र बनाया जाता है पूजा स्थल पर चौकी में अहोई माँ व माता सई की प्रतिमाये रखी जाती है. कलश पर गणेश जी की स्थापना की जाती है शाम के समय अहोई माता की कथा पढ़ी व सुनी जाती है. माँ को पूरी व पुयो का भोग लगाकार रात्रि के समय तारो को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया जाता है. पूजा के पश्चात बड़ो के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है और अन्न जल ग्रहण कर व्रत खोला जाता है.
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अहोई अष्टमी व्रत महत्व Importance of Ahoi Ashtami vrt 2018
कार्तिक कुष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखे जाने वाले इस व्रत में संतान के जीवन में सुख-समृद्धि व संतान प्राप्ति की कामना की जाती है इस व्रत को पूरा दिन निर्जल रहकर किया जाता है शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है की जो भी महिलाये इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ रखती है माँ अहोई के प्रताप से उन्हें उनके बच्चों की लम्बी आयु व सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है इसकेअलावा यदि कोई निसंतान महिला इस व्रत को करती है तो व्रत के प्रभाव से उसे संतान प्राप्ति होती है.