30 August 2020 Ravi Pradosh Vrat भाद्रपद रवि प्रदोष पूजा विधि उपाय

भाद्रपद त्रयोदशी प्रदोष व्रत पूजा विधि 2020 Pradosh Vrat Poja Vidhi

रवि प्रदोषरवि प्रदोष- शास्त्रों में प्रतोष तिथि बहुत ही खास मानी गयी है जो हर माह शुक्ल और कृष्ण त्रयोदशी के आती है यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है  इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है. शिव पुराण के अनुसार इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल के समय करने का विधान है प्रदोष काल दिन और रत के मिलन का समय होता है, यदि एहतिथि रविवार के दिन पड़े तो इसे रवि प्रदोष कहते है आज हम आपको साल 2020 भाद्रपद माह के रवि प्रदोष व्रत की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.

रवि प्रदोष तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat August Month Date

  1. साल 2020 में भाद्रपद माह का अंतिम प्रदोष व्रत 30, अगस्त रविवार के दिन रखा जाएगा.
  2. प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सायंकाल 06:45 मिनट से 08:59 मिनट तक|
  3. पूजा की कुल अवधि 02 घण्टे 15 मिनट्स की होगी.
  4. त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ होगी – 30 अगस्त प्रातःकाल 8 :21 मिनट
  5. त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 31 अगस्त प्रातःकाल 12:35 मिनट

रवि प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

रवि प्रदोष भगवन शिव माता पार्वती और सूर्यदेव की आराधना के लिए विशेष दिन माना जाता है. त्रयोदशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर सबसे पहले सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दे.इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करे और उन्हें बेल पत्र,अक्षत , फूल, धूप , दीप, चंदन, फल, पान, सुपारी सभी पूजन सामग्री अर्पित करे. रविवार का संबंध सूर्य से होता है. इसीलिए रवि प्रदोष के दिन सूर्य उपासना भी जरूर करे क्योकि चंद्रमा के साथ साथ सूर्य भी आपके जीवन में सक्रिय रहते है. जिन जातको की कुंडली में सुर्य कमजोर हो उसे यह व्रत करने के साथ भगवान् शिव और सूर्य भगवान के मंत्रो का जाप करना चाहिए इससे सूर्य संबंधी सारी परेशानियां दूर हो जाती है और जीवन में समृद्धि आती है.

प्रदोष व्रत उद्यापन विधि Pradosh Vrat Udhyapan Vidhi

शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत का उद्यापन पूरे विधि विधान से अवश्य करना चाहिए इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है प्रदोष व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि के दिन ही करना शुभ होता है. उद्यापन से पहले श्री गणेश जी की पूजा करे त्रयोदशी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद ऊँ उमा सहित शिवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप कर हवन कर ले.  हवन पूरा होने के बाद भगवान शिव की आरती और शान्ति पाठ करे. इसके बाद ब्रह्माण को भोजन कराकर उद्यापन की विधि पूरी करे.

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रवि प्रदोष व्रत उपाय Ravi Pradosh Upay

रवि प्रदोष भगवान सूर्य और भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त करने का दिन है इसीलिए जो भी इस दिन व्रत रखकर कुछ उपाय करता है तो उसे सुख समृद्धि आरोग्य और दीर्घायु होने का वरदान प्राप्त होता है तो आइये जानते है इस दिन वो ऐसे कौन से उपाय है जिनके प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में सफलता सुख समृद्धि आरोग्य और दीर्घायु प्राप्त होती है.

  1. रवि प्रदोष के दिन घर की पूर्व दिशा को स्वच्छ कर ले अब वहां पर एक घी का दीपक जलाएं और गायत्री मंत्र का जाप करें.
  2. रवि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठकर स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करें और इसके बाद सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से जल में शक्कर और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें इस उपाय से व्यक्ति को जीवन में सफलता और आरोग्य की प्राप्ति होती है.
  3. प्रदोष काल अर्थात शाम के समय पूजा मे भगवान शिव को पंचामृत से स्न्नान कराकर साबुत चावल की खीर और फल का भोग भगवान शिव को अर्पण करने से मनोकामना पूरी होती है.
  4. रवि प्रदोष के दिन सूर्य स्तोत्र का कम से कम तीन बार पाठ करने से घर में सुख समृद्धि आती है.
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