शनिवार प्रदोष व्रत 2021 कब है 24 April 2021 Pradosh Vrat Muhurat

प्रदोष व्रत पूजा विधि 2021 Pradosh Vrat Poja Vidhi

24 April 2021 Pradosh Vrat Muhurat 24 April 2021 Pradosh Vrat Muhurat – शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह के दोनों पक्षों शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है शिव पुराण के अनुसार इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानि की शाम के समय करने का विधान है साल 2021 में चैत्र शुक्ल प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने के कारण शनि त्रयोदशी होगा. शनि त्रयोदशी पर इस बार विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज हम आपको साल 2021 चैत्र माह के शनि प्रदोष व्रत की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, शिव पंचाक्षरी मंत्र और सावन में शनि प्रदोष के दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.

शनि प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat April Month Date

  1. साल 2021 चैत्र शुक्ल त्रयोदशी व्रत 24 अप्रैल शनिवार के दिन रखा जाएगा.
  2. प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 24 अप्रैल शनिवार सायंकाल 07:17 मिनट से लेकर 09:30 मिनट तक|
  3. चैत्र शुक्ल त्रयोदशी तिथि आरम्भ होगी – 24 अप्रैल शनिवार शाम 07:17 मिनट पर |
  4. चैत्र शुक्ल त्रयोदशी समाप्त होगी – 25 अप्रैल शाम 04:12 मिनट पर |

शनि प्रदोष शुभ संयोग Shani Pradosh Shubh Yog

ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस साल चैत्र शनि प्रदोष व्रत के दिन ध्रुव योग सुबह 11:43 मिनट तक रहेगा। इसके बाद व्याघात योग लग जाएगा। इसके अलावा इस दिन सूर्य मेष राशि में रहेंगे जबकि चंद्रमा सुबह 11:56 मिनट तक सिंह और उसके बाद कन्या राशि पर संचार करेंगे। माना जाता है कि ध्रुव योग किसी भी स्थिर कार्य जैसे भवन आदि के निर्माण के लिए शुभ होता है.  लेकिन ध्यान रखे की इस योग में कोई भी अस्थिर कार्य जैसे कोई गाड़ी, वाहन आदि की खरीदारी शुभ नहीं मानी जाती है।

शनि प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

शनि प्रदोष के दिन प्रातः स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान शंकर, माता पार्वती, को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर सभी पूजन सामग्री जैसे  बेल पत्र, अक्षत, फल-फूल, धूप, दीप, नैवेद्य पान, सुपारी, लौंग व इलायची आदि चीजे अर्पित करे. प्रदोष काल अर्थात शाम के समय भगवान शिव को पुनः पंचामृत से स्नान कराकर सभी पूजन सामग्री व बिल्वपत्र अवश्य अर्पित करे दीपक जलाकर गं गणपतये नमः और शिव पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय का 108 बार जाप करें। शनि प्रदोष के दिन शनि महाराज की पूजा कर उन्हें काले तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द उनकी प्रिय चीजे चढ़ाना बहुत ही शुभ होता है.

प्रदोष व्रत उद्यापन विधि Pradosh Vrat Udhyapan Vidhi

शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत का उद्यापन पूरे विधि विधान से अवश्य करना चाहिए इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है प्रदोष व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि के दिन ही करना शुभ होता है. उद्यापन से पहले श्री गणेश जी की पूजा करे त्रयोदशी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद ऊँ उमा सहित शिवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप कर हवन कर ले.  हवन पूरा होने के बाद भगवान शिव की आरती और शान्ति पाठ करे. इसके बाद ब्रह्माण को भोजन कराकर उद्यापन की विधि पूरी करे.

इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2021

शनि प्रदोष महाउपाय Pradosh Vrat Mahaupay

24 April 2021 Pradosh Vrat Muhurat प्रदोष व्रत भगवन शिव व माता गौरी को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया है. वही अगर यह शनि प्रदोष हो तो इस दिन का महत्व और भी अधिक बड़ जाता है क्योकि इस दिन भगवन शिव के साथ शनि देव का पूजन व उपाय करने से व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है तो आइये जानते है शनि प्रदोष के दिन किये जाने वाले उपाय क्या है.

  1. शनि प्रदोष के दिन संभव हो तो कम से कम एक माला शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति को शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.
  2. शनि प्रदोष के दिन पीपल के वृक्ष को जल देकर परिक्रमा करने से शनिदेव जल्द ही प्रसन्न होकर भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते है.
  3. आज के दिन हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को व्रत का दोगुना फल प्राप्त होता है.
error: