रवि त्रयोदशी प्रदोष व्रत पूजा विधि 2021 Pradosh Vrat Poja Vidhi
रवि प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat October Month Date
- साल 2021 में आश्विन शुक्ल त्रयोदशी यानि प्रदोष व्रत 17, अक्टूबर रविवार के दिन रखा जाएगा
- प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सायंकाल 05:49 मिनट से 08:20 मिनट तक
- पूजा की कुल अवधि 02 घण्टे 31 मिनट्स की होगी.
- आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ होगी – 17 अक्टूबर सायंकाल 05:39 बजे
- आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त होगी – 18 अक्टूबर सायंकाल 06:07 मिनट
रवि प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi
त्रयोदशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले और भगवान शिव की पूजा के लिए शिव प्रतिमा पूजा स्थल पर स्थापित कर ले अब पूजा में भगवान शिव का जल से अभिसेक कर उन्हें बेल पत्र, अक्षत , फूल, धूप दीप, चंदन, फल, पान, सुपारी सभी पूजन सामग्री अर्पित करे और भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती की भी विधिवत पूजा करे. यह रवि प्रदोष है और रविवार का संबंध सूर्य से होता है. इसीलिए इस दिन सूर्य उपासना भी जरूर करे. मान्यता है की चंद्रमा के साथ सूर्य भी आपके जीवन में सक्रिय रहते है. यदि जातक कुंडली में सुर्य कमजोर हो उसे यह व्रत करने के साथ ही भगवान् शिव के साथ सूर्य भगवान को जल का अर्घ्य देकर उनकी उपासना करने से सूर्य संबंधी सारी परेशानियां दूर हो जाती है.
रवि प्रदोष व्रत उपाय Ravi Pradosh Upay
शास्त्रों में रवि प्रदोष भगवान सूर्य और भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त करने का दिन है इसीलिए यदि इस दिन व्रत रखकर कुछ उपाय किये जाय तो व्यक्ति को भगवान् शिव के साथ सूर्य भगवान् की विशेष कृपा और मनोकामना की प्राप्ति होती है आइये जानते है रवि प्रदोष के दिन कौन से उपाय व्यक्ति को जीवन में सफलता दिलाते है.
इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2021.
- यदि संभव हो तो रवि प्रदोष का व्रत करे क्योकि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को सुखी दांपत्य जीवन व आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है.
- रवि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठकर स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करें और इसके बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल में शक्कर और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें आज के इस उपाय से व्यक्ति को जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है.
- शाम के समय अर्थात प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत से स्न्नान कराकर साबुत चावल की खीर और फल का भोग अर्पण करने से मनोकामना पूरी होती है.
- यदि रवि प्रदोष के दिन सूर्य स्तोत्र का तीन बार पाठ किया जाय तो घर में सुख समृद्धि के साथ ही शांति का वास होता है.
- इस दिन प्रदोष कल में शिवलिंग की पूजा करने से चंद्र ग्रह संबंधित दोष भी समाप्त होते हैं.