गुरु पूर्णिमा 2020 Guru Purnima 2020 Date Time Muhurat

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि Guru Purnima Puja Vidhi

Guru Purnima 2020शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गुरु पूजा करने का विधान है. संसार में गुरु ही हैं जो इस संसार रूपी भव सागर को पार करने में हमारी सहायता करते हैं हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। पूरे भारत में गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। गुरु से मन्त्र प्राप्त करने के लिए भी यह दिन श्रेष्ठ माना जाता है. आज हम आपको साल 2020 में गुरु पूर्णिमा व्रत की शुभ तिथि शुभ मुहूर्त और इसकी पूजा विधि के बारे में बताएँगे.

गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2020 Guru Purnima Shubh Muhurat 2020

  1. साल 2020 में गुरु पूर्णिमा का पर्व 5 जुलाई रविवार के दिन मनाया जाएगा|
  2. पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी – 4 जुलाई शनिवार प्रातःकाल 11:33 मिनट पर |
  3. पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 5 जुलाई रविवार प्रातःकाल 10:13 मिनट पर |
  4. गुरु पूजा के लिए पूर्णिमा तिथि को सूर्योदय के बाद तीन मुहूर्त तक व्याप्त होना आवश्यक माना जाता है।
  5. यदि पूर्णिमा तिथि तीन मुहूर्त से कम हो तो यह पर्व पहले दिन मनाना चाहिए|

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि Guru Purnima Puja Vidhi

पौराणिक कथाओ के अनुसार इस दिन अपने दैनिक कार्यो से निवृत्त होकर प्रातःकाल स्नान आदि के बाद  शुद्ध वस्त्र धारण करे और व्यास जी की प्रतिमा पर सुगन्धित फूल या माला चढ़ाकर गुरु के पास जाना चाहिए और उन्हें ऊँचे आसन पर विराजित कर पुष्पमाला पहनाये. इसके बाद उन्हें अपनी श्रद्धा अनुसार वस्त्र, फल, फूल व माला अर्पण कर कुछ उपहार रूप में भेंट करे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करे.

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गुरु पूर्णिमा का महत्व Importance of Guru Purnima Vrat

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन गुरु पूजन के साथ ही महाभारत के रचयिता व्यास जी का जन्मदिवस भी मनाया जाता है| संस्कृत के महान विद्वान होने के साथ ही उन्होंने महाभारत महाकाव्य की रचना भी की थी. वेदव्यास जी को आदिगुरु भी कहा जाता है इसलिए बहुत से लोग गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन अपने गुरुजनों की यथा संभव सेवा करने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। गुरु के आशीर्वाद को सभी के लिए कल्याणकारी व ज्ञानवर्द्धक माना जाता है इसीलिए इस दिन गुरु पूजन के उपरांत गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए.इस दिन न केवल गुरु बल्कि परिवार में हर बड़े को भी गुरु तुल्य समझना चाहिए। क्योकि उन्ही के आशीर्वाद से हमें ज्ञान का प्रकाश मिलता है.

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