Bhadrapada Purnima 2020 Date Time Muhurat भाद्रपद पूर्णिमा पूजा विधि

भाद्रपद पूर्णिमा पूजा विधि Bhado Purnima 2020

Bhadrapada Purnima Bhadrapada Purnima – पंचांग के अनुसार भाद्र माह में आने वाली पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहा जाता हैं। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा अर्चना करने का विधान है साथ ही इस दिन उमा-महेश्वर व्रत भी रखा जाता है। इस माह की पूर्णिमा तिथि के दिन से ही पितृ पक्ष भी प्रारंभ होते हैं, जो आश्विन अमावस्या तक चलते है. हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा को पूर्णिमा का श्राद्ध होता है। आज हम आपको साल 2020 भाद्रपद पूर्णिमा व्रत की सही तारीख पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा विधि पितृ पक्ष के नियमो और इस विशेष तिथि पर किये जाने वाले उपायों के बारे में बताएँगे.

भाद्रपद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2020 Bhadrapad Purnima 2020 Shubh Muhurat

  1. साल 2020 में भाद्रपद पूर्णिमा 2 दिन यानि 1 सितम्बर और 2 सितम्बर को रहेगी.
  2. पूर्णिमा तिथि शुरू होगी – 1 सितम्बर प्रातःकाल 09:38 मिनट पर|
  3. पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 2 सितम्बर प्रातःकाल 10:51 मिनट पर|

भाद्रपद पूर्णिमा पूजा विधि Bhadrapada Purnima puja vidhi

मान्यता है की भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें और इसके बाद भगवन सत्यनारायण जी की प्रतिमा पूजास्थल पर स्थापित कर विधिवत उनकी पूजा कर उन्हें नैवेद्य व फल-फूल अर्पित करें पूजा में भगवान सत्यनारायण जी को पीले फलो का भोग लगाए और पूजन के बाद भगवान सत्यनारायण की कथा सुने आज के दिन पंचामृत और चूरमे का प्रसाद वितरित करना चाहिये और व्रत संपन्न करने के बाद किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को दान जरूर करे इससे पुण्य फलो की प्राप्ति होती है. बहुत सी जगहों पर आज के दिन महिलाओं द्वारा उमा महेश्वर व्रत किया जाता है जिससे उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

भाद्रपद पूर्णिमा उपाय Bhadrapad Purnima upay

  1. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन उमा माहेश्वर व्रत भी होता है इसीलिए यदि आज के दिन शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बेलपत्र, और शमीपत्र चढ़ाने से जातक पर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है. पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य देने से सौभाग्य में वृद्धि और दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
  2. भाद्रपद पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष की शुरुआत होती है इसीलिए यदि पितृ पक्ष की पूर्णिमा के दिन स्नान दान और तर्पण जैसे कार्य करना बेहद ही शुभ फल देने वाला उपाय होता है.
  3. पितृ पक्ष की पूर्णिमा के दिन कौवे या गाय को भोजन कराने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.
  4. पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से आर्थिक सम्पन्नता में वृद्धि होती है.

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पितृ पक्ष पूर्णिमा नियम Pitra paksh urnima niyam

  1. पितृ पक्ष का आरम्भ भाद्रपद पूर्णिमा से ही होता है इसीलिए शास्त्रों के अनुसार इसी दिन से पितृ पक्ष के नियमो का पालन करना बेहद जरूरी माना गया है आइये जानते है इस पक्ष में किन नियमो का पालन आपको करना चाहिए.
  2. पितृपक्ष में स्वर्ण आभूषण, नया घर या नए वस्त्रों की खरीदारी नहीं करनी चाहिए.
  3. शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध करने वाले को दाढ़ी-मूंछें, बाल अदि नहीं कटवाने चाहिए.
  4. मान्यता है की पितृपक्ष में द्वार पर आए अतिथि या किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए.
  5. पितृ पक्ष में किसी जीव का अनादर या उसे सताना नहीं चाहिए.
  6. श्राद्ध के दिनों में ब्राम्हणों को भोजन व दान दक्षिणा जरूर देनी चाहिए.
  7. श्राद्ध के दिनों में तर्पण करने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए और प्याज, लहसुन व तामसिक भोजन से परहेज रखना चाहिए.
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