मनी प्लांट के लिए सही दिशा The Right Direction for Money Plant
मनी प्लांट जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है धन का पौधा. आपने अक्सर कई लोगो के मुँह से सूना होगा कि मनी प्लांट जितना हरा भरा होता है घर में धन का आगमन भी उसी तेजी से होता है।
इसके पत्तों का सफेद होना या मुरझाना शुभ नहीं माना जाता है। भूमि पर फैलकर फिर वृद्धि करने वाली मनी प्लांट की बेल दोषकारक होती है। मनी प्लांट को लेकर कई लोगों की अलग अलग धारणाएँ हैं, जैसे – इस पौधे को घर पर लगाने से घर में पैसा आता है, तो कुछ लोगो का मानना है कि इस पौधे को घर पर लगाने से घरवालों की तरक्की होती है और घर में हमेशा सुख – समृद्धि बनी रहती है. कहा जाता है कि जिस घर में मनी प्लांट का पौधा लगा होता है वहां न केवल सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है बल्कि घर में धन का भी आगमन होता है| इसी वजह से कई लोग आपने घर में मनी प्लांट का पौधा लगाते हैं|
लेकिन कई बार मनी प्लांट लगाने के बावजूद भी हमारे घर में धन आगमन में कई अंतर नहीं होता बल्कि हमे कई और आर्थिक नुक़्सानो का सामना करना पड़ता है. इसका कारण है गलत दिशा। वास्तु शास्त्र के अनुसार कहा गया है कि हर पौधे के लिए एक निर्धारित दिशा होती है. यदि पौधे को उचित दिशा में लगाया जाये तो वह पौधा सकारात्मक प्रभाव डालता है और वहीँ, अगर उस पौधे को गलत स्थिति या दिशा में लगाया जाये तो वह नकारात्मक प्रभाव डालता है जिससे लाभ होने की बजाय नुकसान होने लगता है|वास्तुशास्त्र के अनुसार, यदि मनी प्लांट का पौधा भी सही दिशा या सही जगह में नहीं लगाया गया तो धनलाभ के बजाय धनहानि का सामना करना पड़ता है| वास्तु शास्त्रीयों का मानना है कि मनी प्लांट के पौधे के घर में लगाने के लिए आग्नेय यानि दक्षिण-पूर्व दिशा ही सबसे उचित दिशा है।
इस दिशा में मनी प्लांट का पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिलता है।इस पौधे को दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने का कारण ये भी है कि इस दिशा के देवता भगवान गणेशजी है और प्रतिनिधि शुक्र हैं। भगवान गणेश जी अमंगल का नाश करने वाले हैं जबकि शुक्र सुख-समृद्धि लाने वाले। यही नहीं बल्कि बेल और लता का कारण शुक्र को माना गया है। इसलिए मनी प्लांट को दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना उचित माना गया है। मनी प्लांट को कभी भी उत्तर पूर्व दिशा में नहीं ना लगाए, यह दिशा इसके लिए सबसे नकारात्मक मानी गई है। क्योंकि उत्तर पूर्व दिशा का प्रतिनिधि देवगुरू बृहस्पति को माना जाता है। और शुक्र तथा बृहस्पति में शत्रुवत संबंध होता है। इसलिए शुक्र से संबंधित यह पौधा उत्तर पूर्व दिशा में होने पर नुकसान होता है। हालांकि इस दिशा में तुलसी का लगाया जा सकता है।