संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Vrat Pooja Vidhi
Sankashti Chaturthi शास्त्रों के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का अर्थ संकट को हरने वाली चतुर्थी से होता है. गणेश संकष्टी चौथ के दिन समस्त देवो में प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का पूजन और उनके लिए व्रत रखा जाता है शास्त्रों की माने तो प्रत्येक माह में दो बार चतुर्थी तिथि आती है. पूर्णिमा के बाद जो चतुर्थी पड़ती है उसे संकष्टी चतुर्थी व बालचंद्र संकष्टी के नाम से भी जाना जाता है. आज इस वीडियो में हम आपको फाल्गुन पूर्णिमा के बाद आने वाली संकष्टी चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले महावरदान प्राप्ति उपाय के बारे में बात करेंगे.
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2020 Sankashti Chaturthi 2020
- साल 2020 में होली पूर्णिमा के बाद आने वाली संकष्टी चतुर्थी का व्रत 12 मार्च गुरुवार के दिन रखा जाएगा.
- चंद्रदर्शन का शुभ मुहूर्त होगा – 12 मार्च गुरुवार 09:31 मिनट पर|
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी 12 मार्च प्रातःकाल 11:58 मिनट पर |
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी 13 मार्च प्रातःकाल 08:50 मिनट पर|
संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह कर पूजा शुरू करने से पहले श्री गणेश जी के मंत्र का उच्चारण करते हुए उनकी पूजा करे. जो भी लोग इस दिन व्रत रखते हैं उन्हें फल, साबुदाना, मूंगफली और आलू से बना भोजन ग्रहण करना चाहिए. भगवान गणेश की विधिवत पूजा करते हुए उन्हें जल में तिल डालकर अर्पित करना चाहिए. शाम के समय भगवान गणेश जी की पूजा कर उन्हें दुर्वा अर्पित करें और तिल से बने लड्डुओं का भोग लगाकर व्रत कथा पढ़ ले. अंत में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करे.चन्द्रदर्शन के बाद संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूर्ण मना जाता है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व Importance of Sankashti Chaturthi
चतुर्थी तिथि के दिन चन्द्र पूजन शुभ माना जाता है। चन्द्रोदय के बाद पूजा कर व्रत पूर्ण किया जाता है शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है भगवान श्री गणेश जी की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे बल बुद्धि विद्या का वरदान प्राप्त होता है पूरे सालभर में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत पड़ते हैं प्रत्येक व्रत का अपना अलग महत्व और एक अलग व्रत कथा है।
संकष्टी चतुर्थी उपाय Phalgun Sankashti Chaturthi Mahaupay
मान्यता है की सभी देवो में प्रथम पूज्य भगवान् गणेश जी की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होते है यदि पूर्णिमा तिथि के बाद आने वाली संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ आसान व छोटे -छोटे उपाय किये जाय तो व्यक्ति को धन सम्पदा और ज्ञान का महावरदान मिलता है. आइये जानते है ये उपाय क्या है.
- प्रत्येक व्यक्ति को धन कमाने के लिए बुद्धि और विवेक की आवश्यकता होती है जिसके लिए गणेश जी को संकष्टी चतुर्थी के दिन 11 मोदक व लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए.
- धन सम्बन्धी कोई भी बाधा यदि जीवन में आ रही है तो उसके लिए लाल गुलाब या गुड़हल के फूल भगवान श्री गणेश जी के मन्त्र का उच्चारण करते हुए अर्पण करें.
- संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातः दूर्वा की पत्ती गणेश जी को अर्पित करें इससे धनसंबंधी सभी परेशानिया समाप्त होने लगती है.
- संभव हो तो चतुर्थी तिथि के दिन ॐ नमो भगवते गजाननाय मंत्र का 108 बार जाप करने से कार्य सिद्धि व सफलता प्राप्ति का महावरदान व्यक्ति को प्राप्त होता है.