करवाचौथ पूजन विधि व मुहूर्त Karwa Chauth Vrat 2018 Date Time Puja Shubh Muhurt
Karwa Chauth 2018- शास्त्रों के अनुसार हर महीने कोई न कोई व्रत और त्यौहार आते ही है कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को जो व्रत किया जाता है वह सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण और ख़ास होता है. जी हाँ हम बात कर रहे है करवा चौथ के व्रत की. मान्यताओं के अनुसार इस दिन सुहागिन महिलाये अपने पति की लम्बी उम्र और सुखद गृहस्थ जीवन के लिए व्रत रखती है और कामना करती है. करवाचौथ का व्रत सुबह से शुरू होकर चंद्रदर्शन के बाद ही व्रत खोलकर पूरा किया जाता है. इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और साथ ही गणेश की का भी पूजन किया जाता है. आज हम आपको साल 2018 में करवाचौथ के व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.
करवा चौथ व्रत 2018 शुभ मुहूर्त व तिथि Karwa Chauth 2018 Vrat shubh muhurt Pujan vidhi
- साल 2018 में करवाचौथ 27 अक्टूबर शनिवार के दिन मनाया जाएगा.
- करवा चौथ पूजा का मुहूर्त शाम 5.36 मिनट से लेकर 6.54 मिनट तक का होगा.
- माना जा रहा है की इस बार का करवाचौथ ख़ास होगा क्योकि इस बार करवा चौथ के दिन ही संकष्टी चतुर्थी भी है. जो की भगवान गणेश की पूजा के लिए सबसे ख़ास मानी जाती है.
- पूजा के शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 1 घंटे 20 मिनट की होगी.
- चतुर्थी तिथि 27 अक्टूबर को 6 बजकर 37 मिनट से शुरू होगी और 28 अक्टूबर के दिन 4 बजकर 54 मिनट तक रहेगी.
करवाचौथ व्रत पूजा की सामग्री Karwa Chauth 2018 Puja samagri
करवाचौथ के पूजन के लिए गंगाजल, कुंकुम, चंदन, चावल, धुप-दीप, फूल, शुद्ध घी, मेंहदी, मिठाई, सुहाग का सामान, करवा, दीपक, छलनी, और भोग आदि सामग्रियां होनी चाहिए. इन सभी सामग्रियों को व्रत से पहले पूजा स्थल पर रखना चाहिए.
करवाचौथ व्रत पूजन विधि Karwa Chauth vrat pujan vidhi
करवाचौथ व्रत वाले दिन सबसे पहले महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर सर्गी खाती हैं. ऐसी मान्यता है की सर्गी का खाना उनकी सास के द्वारा बनाकर दिया जाता है सर्गी खाने के बाद महिलाये सारा दिन भूखी प्यासी रखकर इस व्रत को करती है. व्रत के दिन प्रातः काल उठकर अपने दैनिक कार्यो से निवृत्त होकर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें. यदि संभव हो तो इस व्रत को निर्जल रहकर करना चाहिए.
राशिअनुसार जाने साल 2018 का भविष्यफल
शाम के समय पूजास्थल पर माँ पार्वती, शिव और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर माँ को सुहाग की सभी सामग्री अर्पित कर उनका श्रृंगार करें। मान्यता है की इस दिन कोरे करवे में जल भरकर पूजा करनी चाहिए और पति की लम्बी उम्र की कामना कर माँ का आशीर्वाद लेना चाहिए. शाम के समय करवाचौथ के व्रत की कथा पढ़नी और सुननी चाहिए. पूरे विधि विधान के साथ पूजा के बाद अपने बड़ो का आशीर्वाद लेना चाहिए. इसके बाद चाँद निकलने पर चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देकर व्रत खोलना चाहिए. व्रत के बाद किसी सुहागन महिला को सुहाग का सामान भेंट में देना बेहद ही शुभ होता है.
करवा चौथ व्रत का महत्व importance of Karwa Chauth
शास्त्रों की माने तो करवाचौथ का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए बेहद ही ख़ास माना गया है मान्यता है की इस दिन चाँद की पूजा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। और जीवन में किसी भी प्रकार की कोई बांधा नहीं आती है. इसके अलावा इस व्रत के प्रभाव से पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है.