संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Ganadhip Sankashti Chaturthi Vrat Pooja Vidhi
Ganadhip Sankashti Chaturthi Date 2025 पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो चतुर्थी तिथि पड़ती है एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में| चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है इस दिन गणेश जी की विधिवत पूजा व उपवास से सुख समृद्धि प्राप्त होती है. मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है. आइये जानते है साल 2025 मार्गशीर्ष माह की संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है, पूजा व चंद्रोदय का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2025 Ganesh Sankashti Chaturthi 2025
- साल 2025 में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत 8 नवंबर शनिवारको रखा जायेगा|
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 8 नवंबर प्रातःकाल 07:32 मिनट पर|
- चतुर्थी तिथि समाप्त – 9 नवंबर प्रातःकाल 04:25 मिनट पर|
- चंद्रोदय का समय – रात्रि 07:59 मिनट पर|
- पूजा का शुभ मुहूर्त – प्रातःकाल 11:43 मिनट से दोपहर 12:26 मिनट तक|
गणेश चतुर्थी पूजा विधि Ganesh Chaturthi Vrat Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले. एक साफ चौकी पर गंगाजल छिड़क कर हरे रंग का वस्त्र बिछाएं इस पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद भगवान गणेश जी को कुमकुम से तिलक करें और उन्हें सिंदूर, फूल, फल, वस्त्र, नैवेद्य, धुप-दीप व दूर्वा अर्पित करे. भगवान गणेश जी के मंत्रों का जाप और श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करें. अंत में लड्डू या मोदक का भोग लगाएं और चंद्रोदय के पश्चात चन्द्रमा को जल का अर्घ्य देकर व्रत संपन्न करे.
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी उपाय ganadhip Ganesh Sankashti Chaturthi
- शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी के दिन गणेश जी को मोदक, लड्डू, दूर्वा, फल-फूल और सिंदूर अर्पित करें।
- गणेश जी को शमी की पत्तियां बहुत प्रिय हैं इसलिए संकष्टी चतुर्थी के दिन उन्हें शमी के पत्ते चढ़ाएं इससे मनोकामना पूरी होती है.
- आज के दिन गणेश जी के मस्तक पर हल्दी में थोड़ा-सा घी मिलाकर तिलक लगाएं और उनके सामने घी का दीपक जलाएं।
- कार्यो में सफलता के लिए आज के दिन दूर्वा की सात गांठे बनाकर गणेश जी को अर्पित करें और कपूर से उनकी आरती करें।


