विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त 2024 Vishwakarma Puja Shubh Muhurat
Vishwakarma Puja Kab Hai 2024 शास्त्रों के अनुसार जीवन में सुख समृद्धि के लिए विश्वकर्मा पूजा विशेष मानी जाती है. इस दिन सृष्टि के रचियता और ब्रम्हा जी के सातवें पुत्र भगवान विश्वकर्मा जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा की जाती है. इस दिन कारखानों में औजारों की पूजा होती है. इस साल विश्वकर्मा पूजा 16 सितम्बर को है इस दिन 3 शुभ योग बनने से इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है आइये जानते है साल 2024 विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त, शुभ योग, कन्या संक्रांति का क्षण, पूजा विधि और इसकी पूजा सामग्री क्या है|
विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त 2024 Vishwakarma Puja Shubh Muhurat 2024
- साल 2024 में विश्वकर्मा पूजा 16 सितम्बर सोमवार को की जायेगी|
- इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे|
- कन्या संक्रांति का क्षण होगा – 16 सितम्बर सायंकाल 07:53 मिनट पर|
- अभिजित मुहूर्त होगा – प्रातःकाल 11:51 मिनट से दोपहर 12:40 मिनट|
- लाभ-उन्नति मुहूर्त – प्रातःकाल 06:23 मिनट से प्रातःकाल 07:49 मिनट|
- अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त – प्रातःकाल 07:49 मिनट से प्रातःकाल 09:14 मिनट|
विश्वकर्मा पूजा शुभ योग 2024 Vishwakarma Pooja Muhurat 2024
साल 2024 में विश्वकर्मा पूजा के दिन 3 शुभ योग बन रहे है. इस दिन रवि योग और सुकर्मा योग बनेगा. सुकर्मा योग प्रात:काल से लेकर दिन में 11:42 मिनट तक है. उसके बाद से धृति योग बनेगा. वहीं रवि योग शाम के समय 4:33 मिनट पर शुरू होगा
विश्वकर्मा पूजा विधि Vishwakarma Pooja Vidhi
धार्मिक मान्यता अनुसार इस दिन कारखाने, फैक्ट्री में औजार या उपकरणों की पूजा होती है सबसे पहले स्नान कर भगवान विश्वकर्मा जी का ध्यान करते हुए उनकी तस्वीर और कलश पूजास्थल में स्थापित करे. अब सभी पूजा सामग्री जैसे- धूप-दीप, साबुत चावल, फल- फूल, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, दही, मिठाई अर्पित करे. अंत में सभी औजारों व मशीनों की पूजा कर उन्हें तिलक करे और फिर सभी में प्रसाद वितरण करे.
विश्वकर्मा पूजा सामग्री Vishwakarma Puja Samagri
शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्रत में पूजा विधि के साथ ही पूजन सामग्री का भी खास महत्व होता है विश्वकर्मा पूजा के पूजन सामग्री के रूप में सुपारी, रोली, पीला अष्टगंध चंदन, हल्दी, लौंग, मौली, लकड़ी की चौकी, पीला कपड़ा, मिट्टी का कलश, नवग्रह समिधा, जनेऊ, इलायची, इत्र, सूखा गोला, जटा वाला नारियल, धूपबत्ती, अक्षत, धूप, फल, मिठाई, बत्ती, कपूर, देसी घी, हवन कुण्ड, आम की लकड़ी, दही, फूल पूजन सामग्री को शामिल करना चाहिए.