अप्रैल का अंतिम प्रदोष व्रत कब है 2023 Vaisakh Krishna Pradosh 2023 Date

 प्रदोष व्रत पूजा विधि 2023 Pradosh Vrat Puja Vidhi

Vaisakh Krishna Pradosh 2023 DateVaisakh Krishna Pradosh 2023 Date प्रत्येक माह के दोनों पक्षों कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन प्रदोष काल यानि शाम के समय शिव पूजा का विधान है. साल 2023 में अप्रैल माह का अंतिम प्रदोष व्रत 17 अप्रैल सोमवार के शुभ योग में आ रहा है लेकिन पंचांग की माने तो इस दिन पंचक भी रहेंगे. आइये जानते है वैसाख कृष्ण प्रदोष व्रत कब है, पूजा का शुभ समय, पंचक कब सकब तक है, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है.

वैशाख कृष्ण प्रदोष तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat April 2023 Date

  1. साल 2023 में वैशाख कृष्ण प्रदोष व्रत 17, अप्रैल सोमवार को रखा जाएगा|
  2. पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सायंकाल 06:48 मिनट से रात्रि 09:01 मिनट तक|
  3. वैशाख, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ होगी – 17 अप्रैल सायंकाल 03:46 मिनट पर|
  4. वैशाख, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त होगी – 18 अप्रैल दोपहर 01:27 मिनट पर|
  5. इस दिन ब्रह्म और इंद्र योग का संयोग होगा|

पंचक का समय Panchak ka samay

पंचांग के अनुसार इस बार वैशाख कृष्ण सोम प्रदोष व्रत में पंचक का साया है. पंचक 15 अप्रैल 2023 को शाम 06:44 मिनट पर शुरू हो रहे हैं. इसकी समाप्ति 19 अप्रैल 2023 को रात 11:53 मिनट पर होगी| वैसे तो शास्त्रों में पंचक को अशुभ माना गया है, इसमें कई कार्य वर्जित होते हैं लेकिन शिव पूजा में पंचक का कोई असर नहीं होता.

सोम प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

सोम प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले. इस दिन सबसे पहले सूर्य देव को एक लोटा जल अर्पित करे. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में होती है इसीलिए प्रदोष काल में भगवान शिव का गंगाजल मिले जल से अभिसेक कर उन्हें बेल पत्र, अक्षत, फल-फूल, धूप-दीप, चंदन, पान-सुपारी सभी पूजन सामग्री व नैवेद्य अर्पित करे और मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाये. भोग में महादेव को खीर का भोग अर्पित करे. अंत में सोम प्रदोष व्रत कथा पढ़कर आरती कर ले.

सोम प्रदोष व्रत उपाय Som Pradosh Upay

  1. सोम प्रदोष के दिन कच्चा दूध, पुष्प, मेवे, कपूर, रोली, बेलपत्र, शहद, धूप-दीप और घी भगवन शिव को अर्पित करे इससे घर की सुख शांति बनी रहती है
  2. आज के दिन प्रदोष कल में 27 गुलाब के लाल फूल चंदन के इत्र के साथ पति पत्नी दोनों मिलकर भोलेनाथ को नमः शिवाय मंत्र का 27 बार जप करते हुए अर्पण करें. इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और सभी कार्य सिद्ध होते है.
  3. इस दिन घर पर रुद्राभिषेक कराने से मनोकामना पूरी होती है.
  4. मान्यता है की प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान् शिव को धतूरा चढाने से राहु का नकारातमक प्रभाव कम होता है.
error: