सोमवती अमावस्या पर सूर्यग्रहण 2020 Somvati Amavasya Suryagrahan 2020 Date

सोमवती अमावस्या पूजा विधि Margashirsha Amavasya Puja Vidhi

सोमवती अमावस्यासोमवती अमावस्या – मार्गशीर्ष या अगहन मास में आने वाली अमावस्या बहुत खास होती है यह तिथि पितरो के निमित दान पुण्य के कार्यो की दृष्टि से शुभ होती है लेकिन इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर साल का आखिरी सूर्यग्रहण भी लगने वाला है और साथ ही इसी दिन सोमवती अमावस्या संयोग के साथ पांच ग्रह सूर्य, चंद्र, बुद्ध, शुक्र और केतु वृश्चिक राशि में रहेंगे. हालाँकि इस दिन लगने वाला ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देना और इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा. आज हम आपको मार्गशीर्ष अमावस्या और सूर्यग्रहण का सही समय व तिथि, पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस संयोग में किये जाने वाले बेहद ख़ास उपाय के बारे में बताएँगे.

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त 2020 Somwati Amavasya 2020 Date

  1. साल 2020 में मार्गशीर्ष सोमवती अमावस्या 14 दिसंबर सोमवार के दिन होगी |
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 14 दिसम्बर प्रातःकाल 12:44 मिनट पर|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 14 दिसम्बर रात्रि 09:46 मिनट पर|

सूर्यग्रहण तिथि व समय Suryagrahan Date Time 2020

साल 2020 सोमवती अमावस्या के दिन लगने वाला सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार 14 दिसंबर को शाम 7 बजकर 3 मिनट पर पूर्णरूप से शुरू होगा औरु इसी दिन रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म हो जाएगा. यह ग्रहण भारत में नही दिखेगा जिस कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा

सोमवती अमावस्या पूजा विधि Amavasya Pooja Vidhi

सोमवती अमावस्या के इस शुभ योग में सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें। संभव हो तो सोमवती अमावस्या का उपवास करें और किसी गरीब को दान-दक्षिणा दें। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा और परिक्रमा करने का विधान है। इस दिन सुहागन महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत रखने का भी विधान है। इसीलिए आज के दिन व्रत रखकर पीपल के वृक्ष को अर्घ्य देकर पुष्प, अक्षत, चन्दन धुप दीप से पूजा-अर्चना कर उसके चारों ओर 108 बार धागा लपेटकर परिक्रमा करे और भगवान शिव से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त करे.

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सोमवती अमावस्या उपाय Amavasya Upay

  1. ऐसा माना जाता है की सोमवती अमावस्या पर पितृ चंद्रमा की कला का पान करते हैं. इसीलिए इस दिन अपने पितरों की आत्मशांति के लिए उनके निमित पूजा पाठ, दान और तर्पण जरूर करे.
  2. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान् शिव का पूजन कर पीपल वृक्ष का पूजन करने से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है.
  3. सोमवती अमावस्या का शुभ योग है इसीलिए कम से कम इस दिन पितरों के निमित्त जल का दान जरूर कर ले इससे उन्हें तृप्ति मिलती है.
  4. सोमवती अमावस्या के दिन पूजा के बाद किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन करकर दान दक्षिणा देने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है.
  5. सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाने से मनोकामना पूरी होती है.
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