धनतेरस खरीददारी मुहूर्त 2021 Dhanteras Puja Vidhi
Dhanteras 2021 धनतेरस का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है इसे धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती भी कहते है। प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान् धन्वंतरि जी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं इसीलिए धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदने की परंपरा है. धनतेरस पर वाहन, घर, संपत्ति, सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े, धनिया, झाड़ू आदि खरीदने का बहुत महत्व है. इस दिन सभी लोग शुभ महूर्त में कुछ न कुछ वस्तुएं खरीदते हैं. साल 2021 धनतेरस के दिन करीब 60 सालों के बाद महासंयोग का निर्माण होने से इस दिन का महत्व बहुत अधिक होगा. आज हम आपको साल 2021 धनतेरस पर्व की तिथि, शुभ योग, पूजा का शुभ मुहूर्त और खरीददारी के शुभ मुहूर्त के बारे में बताएँगे.
धनतेरस तिथि व मुहूर्त 2021 dhanteras date muhurat 2021
- साल 2021 में धनतेरस का पर्व 2 नवंबर मंगलवार के दिन मनाया जाएगा|
- धनतेरस पूजा का शुभ मुर्हुत होगा- 2 नवंबर सायंकाल 06:17 मिनट से रात्रि 08:11 मिनट तक|
- प्रदोष काल पूजा मुहूर्त – सायंकाल 05:35 मिनट से रात्रि 08:11 मिनट तक|
- वृषभ काल पूजा मुहूर्त सायंकाल 06:17 मिनट से रात्रि 08:12 मिनट तक|
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी 2 नवंबर प्रातःकाल 11:31 मिनट पर|
- त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी 3 नवंबर प्रातःकाल 09:02 मिनट पर|
धनतेरस शुभ योग 2021 Dhanteras Shubh Yog
ज्योतिषशास्त्र अनुसार, इस वर्ष धनतेरस का त्यौहार 2 नवंबर, को मनाया जायेगा. इस बार धनतेरस के अवसर पर दो बेहद शुभ योग त्रिपुष्कर योग और अमृत योग बनेंगे इस दौरान खरीददारी करना आपके लिए विशेष रूप से लाभकारी रहेंगे, वही इस साल दिवाली से पहले खरीदारी के लिए महामुहूर्त गुरु पुष्य नक्षत्र, शनि-गुरु की युति में आ रहें है. जो 60 सालो बाद्द आने वाला एक दुर्लभ संयोग है.
खरीददारी के शुभ मुहूर्त Dhanteras Khareeddari Muhurat
- धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग सुबह 06:06 मिनट से 11:31 मिनट तक है इस योग में खरीदारी शुभ रहेगी.
- दूसरा अभिजीत मुहूर्त होगा सुबह 11:42 मिनट से दोपहर 12:26 मिनट तक। यह मुहूर्त खरीदारी के लिए सबसे शुभ है.
- इसके अलावा विजय मुहूर्त होगा दोपहर 01:33 मिनट से 02:18 मिनट तक
- धनतेरस के दिन शाम 06 बजकर 22 से 08 बजकर 20 मिनट तक खरीददारी का शुभ मुहूर्त रहेगा इस काल में पूजा और खरीदी दोनों हो सकती है.
धनतेरस पूजन विधि Dhanteras pujan vidhi
धनतेरस के दिन संध्याकाल में की गयी पूजा बहुत ही शुभ मानी जाती है. प्रदोषकाल में पूजास्थल पर उत्तर दिशा में भगवान कुबेर और धन्वन्तरि जी की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विधिवत पूजा करे. साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश जी की पूजा करे. पूजा में भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरि जी को पीली मिठाई का भोग लगाए और सभी पूजन सामग्री अर्पित करते हुए आरती कर ले. धनतेरस के दिन यमदेव के नाम से एक दीपक निकालने की भी परंपरा है| आज के दिन यमदीपदान से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता.