X

सीता नवमी कब है 2024 Sita Navami Shubh Muhurat 2024

सीता नवमी उपाय Sita Navami Upay 2024

Sita Navami Shubh Muhurat 2024 शास्त्रों के अनुसार रामनवमी के करीब 1 महीने बाद सीता नवमी मनाई जाती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन सीता मैय्या का प्रकाट्य हुआ था. भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी को हुआ था, जिसे राम नवमी के नाम से जानते हैं. इस तिथि से ठीक एक माह बाद की तिथि पर सीता नवमी होती है. इस दिन जनक दुलारी माता सीता की पूजा की जाती हैं. आइये जानते है साल 2024 में सीता नवमी कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि, महत्व और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|

सीता नवमी शुभ मुहूर्त 2024 Sita Navami 2024 Date

  1. साल 2024 में सीता नवमी का पावन पर्व 16 मई गुरुवार को मनाया जायेगा
  2. वैशाख मा​ह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि प्रारम्भ होगी – 16 मई प्रातःकाल 06:22 मिनट
  3. वैशाख मा​ह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि समाप्त होगी – 17 मई प्रातःकाल 08:48 मिनट
  4. पूजा का शुभ मुहूर्त – प्रातःकाल 10:56 मिनट से दोपहर 01:39 मिनट
  5. सीता नवमी का क्षण – दोपहर 12:18 मिनट
  6. इस बार सीता नवमी पर दो शुभ योग ध्रुव योग और रवि योग भी बनेंगे.

सीता नवमी पूजा विधि Sita Navami Pooja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार सीता नवमी के दिन सुबह जल्दी स्नान के बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं. यदि आप व्रत करना चाहते हैं तो व्रत का संकल्प करे. मान्यता है की इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है. इसके बाद पूजा वाले स्थान पर देवी-देवताओं को गंगाजल से स्नान कराएं और भगवन राम व माता सीता को फूल, अक्षत्, चंदन, सिंदूर, फल, धूप, दीप अर्पित करें. इसके बाद दूध की मिठाई या लड्डू का भोग लगाएं. अंत में आरती कर सुखी दांपत्य जीवन की प्रार्थना करें.

इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2024.

सीता नवमी महत्व व उपाय Sita Navami upay

  1. सीता नवमी के दिन व्रत और पूजन करने से सुहागन महिलाओ को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
  2. सीता नवमी के दिन धन समृद्धि की प्राप्ति के लिए घर पर या श्री राम मंदिर में केसरिया रंग का झंडा लगाना चाहिए.
  3. इस दिन प्रभु श्री राम और माता सीता को पीले रंग का वस्त्र अर्पित करना शुभ होता है.
  4. मान्यता है की सीता नवमी को पूजा के समय विवाहित महिलाएं अगर माता सीता को सिंदूर, बिंदी, मेंहदी, चूड़ी, चुनरी समेत 16 ​श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं टी इससे उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
  5. माता सीता लक्ष्मी स्वरूप मानी जाती है. ऐसे में सीता नवमी के दिन माता जानकी को खीर का भोग लगाकर 7 कन्याओं में इसे प्रसाद स्वरूप बाँटने से धन संकट दूर होते हैं.
Related Post