संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Margshirsh Sankashti Vrat Pooja Vidhi
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021 Ganesh Sankashti Chaturthi 2021
- साल 2021 में मार्गशीर्ष गणाधिप कृष्ण संकष्टी चतुर्थी 23 नवंबर मंगलवार के दिन है.
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी- 22 नवंबर सायंकाल 10:26 मिनट पर |
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 24 नवंबर प्रातःकाल 12:55 मिनट पर |
- चंद्रोदय का समय होगा- 3 नवंबर रात्रि 08:26 मिनट पर|
संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi
संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर ले इस दिन दोपहर के समय पूजा का विधान है इसीलिए पूजा के शुभ मुहूर्त में भगवान् गणेश जी की प्रतिमा पूजास्थल पर स्थापित कर विधिवत पूजा करे पूजा में गणेश जी को धुप, दीप, कपूर, अक्षत और उनका प्रिय दूर्वा अर्पित करे इसके बाद लड्डू व मोदकों का भोग लगाए और उनके मंत्रो का जाप कर व्रत कथा पढ़े या सुने. अंत में गणेशजी की आरती कर पूजा संपन्न करे. यह मार्गशीर्ष अंगारकी संकष्टी होने के कारण इस दिन गणेश जी के साथ ही हनुमान जी की पूजा बहुत ही फलदायी रहेगी.
संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay
संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति जी की पूजा करने से वे भक्तो के सारे दुख हर लेते हैं. जब संकष्टी चतुर्थी की तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है तो इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है जो भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है आइये जानते हैअंगारकी चतुर्थी पर किये जाने वाले उपाय क्या है.
- यह चतुर्थी मंगलवार के दिन होने के कारण अंगारकी चतुर्थी होगी ऐसे में आज के दिन मंगल दोष से पीड़ित लोगो को गणेश जी के साथ हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए.
- अंगारकी चतुर्थी के दिन पूजा में गणेश जी को दूर्वा और हनुमान जी को लाल सिन्दूर अर्पित करे.
- अंगारकी संकष्टी के दिन भगवान गणेश जी को गेंदे के फूल चढ़ाना शुभ होता है।
- संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा में ऊँ गं गणपतये नम: मंत्र का 108 बार जाप करें इस उपाय से आपकी हर मनोकामना पूरी होती है.
- संकष्टी चतुर्थी के दिन एक मौली में 21 हरी दूर्वा पिरोकर माला बनाये और इस माला को गणेश जी को अर्पित करे इससे जीवन का हर संकट दूर होता है.