सफला एकादशी 2024 में कब है Saphala Ekadashi 2024

सफला एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त Saphala Ekadashi Shubh Muhurat 2024

Saphala Ekadashi 2024 Saphala Ekadashi 2024 शास्त्रों में एकादशी व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है. पंचांग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्क्ष की एकादशी को सफला एकादशी व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान श्रीनारायण की पूजा और व्रत किया जाता हैं. मान्यता अनुसार यह एकादशी व्रत कार्यो में सफलता दिलाने वाला होता है. जो लोग अपने जीवन में सुख और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इस एकादशी व्रत के नियमो का पालन करते हुए भगवान् विष्णु जी व माँ लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए. आइये जानते है साल 2024 सफला एकादशी व्रत तिथि, पूजा व पारण का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस व्रत के कुछ जरूरी नियम क्या है|

सफला एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2024 Saphala Ekadashi Date Time 2024

  1. साल 2024 में सफला एकादशी 7 जनवरी रविवार को रखा जायेगा |
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 7 जनवरी प्रातःकाल 12:41मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 8 जनवरी प्रातःकाल 12:46 मिनट पर|
  4. पारण का शुभ मुहूर्त होगा – 8 दिसम्बर प्रातःकाल 07:15 मिनट से 09:20 मिनट तक|

सफला एकादशी पूजा विधि Saphala Ekadashi Vrat puja Vidhi

सफला एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेकर पूजा आरंभ करें. सबसे पहले भगवान विष्णु को जल अर्पित करें. फिर उन्हें पीले फूल और माला अर्पित करें. चंदन, कुमकुम या हल्दी का तिलक लगाएं और भगवान विष्णु को पीली चीजों का भोग लगाएं. फिर उनको तुलसी के पत्ते अर्पित करें. घी का दीपक जलाएं और धूप जलाकर भगवान विष्णु  चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. इसके बाद आरती और एकादशी व्रत कथा सुनें. पूरे दिन निराहार व्रत रखकर अगले दिन द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण करें.

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सफला एकादशी नियम Saphala Ekadashi Niyam 2024

  1. शास्त्रों के अनुसार सफला एकादशी व्रत में किसी भी प्रकार के तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
  2. सफला एकादशी व्रत वाले दिन चावल नहीं खाना चाहिए.
  3. इस दिन पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और किसी के प्रति गलत विचार नहीं लाना चाहिए.
  4. एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिनभर निर्जल रहकर उपवास रखना चाहिए.
  5. पूजास्थल के साथ घर में भी स्वछता का ख्याल रखना चाहिए.
  6. एकादशी के दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करे..
  7. एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को अपनी सामर्थ्यानुसार ब्राह्मण तथा गरीबों को दान देकर पारणा जरूर करना चाहिए.
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