संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Paush Sankashti Chaturthi Pooja Vidhi
पौष संकष्टी शुभ मुहूर्त 2024 Sankashti Chaturthi 2024
- साल 2024 में पौष मास की अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत 18 दिसम्बर बुधवार को रखा जायेगा|
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 18, दिसम्बर प्रातःकाल 10:06 मिनट|
- चतुर्थी तिथि समाप्त – 19, दिसम्बर प्रातःकाल 10:02 मिनट|
- चंद्रोदय का समय – रात्रि 09:01 मिनट|
- ब्रह्म मुहूर्त – प्रातःकाल 05:19 मिनट से प्रातःकाल 06:04 मिनट|
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02:01 मिनट से 02:42 मिनट|
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 05:25 मिनट से 05:52 मिनट|
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi
चतुर्थी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प ले और सूर्यदेव को जल अर्पित करे. पूजा के शुभ मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा पूजास्थल में स्थापित कर प्रतिमा का गंगाजल मिले जल से अभिषेक करे और उन्हें चन्दन का तिलक लगाकर पीले वस्त्र अर्पित करे. इसके बाद धुप, दीप, कपूर जलाकर उनका प्रिय दूर्वा अर्पित करे. इसके बाद लड्डू व मोदकों का भोग लगाए. गणेश जी के मंत्रो का जाप व चतुर्थी व्रत कथा पढ़े या सुने. अंत में आरती करे. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को जल देकर पूजा के बाद व्रत का पारण करना चाहिए.
पौष संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay
- कार्यो में सफलता पाने के लिए आज के दिन गणेश जी को गेंदे के पुष्प अर्पित करने चाहिए.
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपत्ति बप्पा की पूजा के दौरान उन्हें पान चढ़ाना शुभ होता है.
- पौष मास की संकष्टी चतुर्थी के दिन 21 गुड़ के लड्डू और 21 दूर्वा गणेश जी को अर्पित करने से लाभ और सफलता मिलती है.
- अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन ऊँ गं गणपतये नमः का कम से कम 108 बार जाप करने से जीवन में सुख-शांति का वास होता है.
- संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को गुड़ और घी अर्पित करने से धनलाभ होता है.