संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि Sankashti Chaturthi Puja Vidhi
विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि 2024 Sankashti Chaturthi Date Time 2024
- साल 2024 बैसाख कृष्ण संकष्टी चतुर्थी का व्रत 27 अप्रैल शनिवार के दिन रखा जाएगा|
- चतुर्थी तिथि शुरू होगी – 27 अप्रैल सुबह 08:17 मिनट|
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 28 अप्रैल सुबह 08:21 मिनट|
- पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – प्रातःकाल 11:53 मिनट से दोपहर 12:45 मिनट|
- चन्द्रोदय का समय होगा – रात्रि 10:23 मिनट|
संकष्टी चतुर्थी के दिन भद्रा काल Sankashti Chaturthi Bhadra Time
पंचांग के अनुसार इस साल संकष्टी चतुर्थी के दिन भद्रा का साया है. विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन स्वर्ग की भद्रा लग रही है. भद्रा का समय 05:44 मिनट से 08:17 मिनट तक है. इस भद्रा का वास स्वर्ग में है.
विकट चतुर्थी पूजन विधि Sankashti Chaturthi Pooja Vidhi 2024
चतुर्थी के दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान करे और व्रत का संकल्प ले. अब पूजास्थल को शुद्ध कर साफ़ चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करे. प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराये तिलक लगाए. अब अक्षत, पुष्प, जनेऊ, दूब, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, दुर्वा और मिठाई अर्पित कर मोदक या लड्डूओं का भोग लगाएं। पूजा के दौरान ऊं गं गणपते नम: मंत्र का जाप करें। इसके बाद व्रत कथा पढ़ें या सुनें। रात्रि में चन्द्रमा की पूजा कर व्रत संपन्न करे.
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विकट संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Upay
- किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा को पूजा के दौरान गुड़ के लड्डू का भोग लगाना शुभ होता है.
- विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को 5 हल्दी की गांठ चढ़ाएं और ‘श्री गणाधिपतये नम:’ मंत्र का जाप करें। इस उपाय से धन वृद्धि के योग बनते है।
- संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी का सिंदूर से तिलक कर उनका पूजन करें. सिंदूर को सुख-सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. इस दिन गणपति को सिंदूर अर्पित करने से जीवन में सौभाग्य बना रहता है.