संकट चौथ पूजा के जरूरी नियम Sakat chauth Puja Vidhi Niyam

संकट चौथ पूजन Sakat chauth Niyam  

पंचांग के अनुसार संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना से रखा जाने वाला सकट चौथ व्रत साल 2024 में 29  जनवरी सोमवार को रखा जायेगा| हर साल यह व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है. इसे तिलकुटा चौथ, तिलचौ या माघी चौथ कई नामो से जाना जाता है. इस व्रत में महिलाएं दिन भर रखकर शाम के समय भगवान गणेश की पूजा करती हैं। इसके बाद चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य देते हुए व्रत का पारण करती हैं। आइये जानते है 2024 में संकट चौथ व्रत पूजा का शुभ समय, चंद्रोदय शुभ मुहूर्त और इस दिन महिलाओ को किन चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए इस बारे में बातएंगे.

संकट चौथ शुभ मुहूर्त 2024 Sakat Chauth Shubh Muhurat 2024

  1. साल 2024 में संकट चौथ या तिल चौथ व्रत 29 जनवरी सोमवार को रखा जायेगा||
  2. चतुर्थी तिथि शुरू होगी – 29, जनवरी प्रातःकाल 06:10 मिनट पर|
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 30, जनवरी प्रातःकाल 08:54 मिनट पर|
  4. पूजा का शुभ मुहूर्त – 29 जनवरी प्रात:काल से लेकर सुबह 09:44 मिनट तक|
  5. पूजा का अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12:13 मिनट से दोपहर 12:56 मिनट तक|
  6. चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय – रात 09:10 मिनट
  7. आइये जानते है इस दिन क्या न करे

काले वस्त्र न पहने

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है की पूजा या किसी अन्य शुभ कार्यो में काला रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए. किसी भी तरह का शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान करते समय काले रंग के कपड़े पहनना वर्जित माना गया है। ऐसे में सकट चौथ व्रत के समय महिलाओ को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए की काले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा ना करे. इस दौरान पीले या लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।

चन्द्रमा को अर्घ्य दिए बगैर पारण ना करे

शास्त्रों के अनुसार सकट चौथ का व्रत तभी पूरा माना जाता है जब विधिवत गणेश जी की पूजा करने के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। बिना पूजा पाठ और चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना इस व्रत का पारण नहीं करना चाहिए अर्थात व्रत नहीं खोलना चाहिए। सकट चौथ की पूजा के दौरान चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए.

अर्घ्य देते समय ये ध्यान रखें

धार्मिक मान्यता अनुसार सकट चौथ व्रत के दौरान भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान है। ऐसे में जब भी आप चंद्रमा को अर्घ्य दें तो इस बात का ध्यान रखें कि अर्घ्य के दौरान आपके पैरों में जल के छींटे न पड़ें।

तुलसी अर्पित ना करे

पौराणिक कथाओ के अनुसार ऐसी मान्यता है की भगवान गणेश की पूजा में उन्हें कभी भी तुलसी अर्पित नहीं की जाती है ऐसा करने पर गणेश जी अप्रसन्न हो सकते है. तुलसी की जगह आप इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ा सकते है क्योकि दूर्वा गणेश जी को बहुत ही प्रिय है। इससे वे जल्दी प्रसन्न होते है.

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