कलश के चावल नारियल कब कैसे हटाएं Navratri Vrat Udhyapan Vidhi

नवरात्रि माता की चौकी Navratri Vrat ka paaran kab kaise kare 

नवरात्रो के 9 दिनों मेम देवी दुर्गा के प्रत्येक स्वररूप की पूजा का विशेष महत्व होता है इस बार शारदीय नवरात्रो की शुरुआत 7 अक्टूबर से हो चुकी है इस साल नवरात्री 8 दिन के है 14 तारिख को नवमी तिथि और 15 अक्टूबर को दशहरा मनाया जायेगा. नवरात्री के पहले दिन लोग घरो में कलश की स्थापना और माता की चौकी सजाते है लेकिन कई लोगो को इस ब्बात की जानकारी नहीं होती है की नवरात्री पूजन के बाद माता की चौकी को कब हटाना चाहिए नवरात्रि पारण का और कैसे करे कलश के चावलों, नारियल और जल का क्या करना चाहिए आज हम इस वीडियो में इसी बारे में आपको बताएँगे.

कलश के चावलों का क्या करे

माता की पूजा के पहले दिन कलश स्थापना के लिए जिन चावलों से आप अष्टदल कमल बनाते है उन्हें पवित्र नदी में प्रवाहित करना चाहिए और कलश या घट स्थापना के लिए घट के ऊपर रखे चावलों को आप अपने घर के अनाज में दाल दे. इससे आपके घर में अन्नपूर्णा का वास होगा. या फिर आप इन चावलों को पशु-पक्षियों को डाल दे.

नारियल का क्या करे

नवरात्री के पहले दिन कलश स्थापना के समय अपने कलश में जो नारियल को रखा था, उसे आप फोड़ कर प्रसाद के रूप में ग्रहण करे या आप इसे नारियल को ग्रहण नहीं करना चाहते हैं तो नारियल को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए.

अखंड जोत का क्या करे

बहुत से लोग नवरात्रि के दौरान अखंड जोत जलाते है शास्त्रों के अनुसार अखंड जोत के कई सारे नियम होते है अगर अपने अखंड जोत जलाई है तो इसका विशेष ख्याल रखे नवरात्रि पारण के पाद इस जोत को एक दोने में रखकर नदी में प्रवाहित कर दे या फिर इसे ऐसे ही जले रहने दे इसे गलती से भी ना बुझाये.

कलश में रखी चीजों का क्या करे

नवरात्रि कलश स्थापना करते समय अपने जो भी चीजे कलश के अंदर रखी थी उसमे से अक्षत हल्दी की गांठ पैन सुपारी को प्रवाहित कर दे और कलश में डले सिक्के को अपने धन रखने के स्थान पर रख दे इससे आपके धन सम्पदा में वृद्धि होगी.

माँ को चढ़ाये सुहाग सामग्री का क्या करे

नवरात्रि पूजा के दौरान अपने जो सुहाग का सामान देवी दुर्गा को चढ़ाया हैं उसे घर की सुहागन महिलाओं को इस्तेमाल कर लेना चाहिए| अन्यथा इसे किसी अन्य सुहागन महिला को दान करना शुभ होता है.

नवरात्रि पारण कब कैसे करे

कुछ लोग नवरात्रि व्रत का पारण अष्टमी तिथि में करते हैं. इस तिथि को महाअष्टमी भी कहा जाता है. नवरात्रि नौ दिनों का पावन पर्व होता है शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि व्रत का पारण दशमी तिथि के दिन करना चाहिए जो लोग नौ दिनों के व्रत रखते है उन्हें नौ दिनों तक व्रत करने के बाद दशमी तिथि को व्रत का पारण विधि विधान से करना चाहिए इस दिन विधिवत माँ की पूजा कर कन्या पूजन और हवन कर व्रत का पारण करना चाहिए.

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