मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2021 Margashirsha Maas Purnima Puja Vidhi 2021
Margashirsha Purnima 2021 Date Time हर माह की आखिरी तिथि पूर्णिमा होती है. ये शुक्ल पक्ष का आखिरी दिन होता है. शास्त्रों में मार्गशीर्ष पूर्णिमा या अगहन पूर्णिमा का बड़ा महत्व माना जाता है। इस दिन चंद्र देव, भगवान शिव और साथ ही विष्णु जी की पूजा कर गंगा स्नान करने की परंपरा है. पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ना या सुनना बेहद लाभकारी होता है इससे व्यक्ति को जीवन में सुख सौभाग्य प्राप्त होकर मानसिक शांति मिलती है आज हम आपको मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन के कुछ विशेष नियमो के बारे में बताएँगे.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2021 Margashirsha Purnima 2021 Shubh Muhurat
- साल 2021 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत 18 दिसंबर शनिवार को रखा जायेगा.
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी – 18 दिसम्बर प्रातःकाल 07:24 मिनट पर|
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 19 दिसम्बर प्रातःकाल 10:05 मिनट पर|
- पूर्णिमा के दिन चद्रोदय क्क समय होगा – शाम 4:46 मिनट|
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि Margashirsha Purnima puja vidhi
मार्गशीर्ष या अगहन पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर भगवान नारायण का मन ही मन में ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. अब पूजा स्थल पर भगवान् विष्णु और माँ लक्ष्मी जी की प्रतिमा एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करे. चौकी के दोनों ओर केले के पत्ते लगाकर धुप दीप जलाये. अब भगवान् विष्णु व माँ लक्ष्मी का आह्वान करें। इसके बाद श्री विष्णु जी को पीले फल फूल अर्पित करें। अब भोग के रूप में पंचामृत, केले और हलवे का भोग लगाएं। इसके बाद सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा पढ़कर आरती कर ले. शाम को चंद्र के दर्शन और चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न करे.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा नियम Margashirsha Purnima Niyam
Margashirsha Purnima 2021 Date Time शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण आकृति व कलाओ में होता है। जिस तरह प्रत्येक व्रत के कुछ नियम है ठीक उसी तरह पूर्णिमा पर भी कुछ नियमो का पालन कर इस व्रत को किया जाय तो इसका लाभ अवस्य प्राप्त किया जा सकता है. आइये जानते है पूर्णिमा व्रत के नियम क्या है.
- पूर्णिमा के दिन का विशेष लाभ प्राप्त करने के लिए इस दिन सात्विक भोजन ही बनाये और ग्रहण करे.
- इस दिन घर में किसी भी प्रकार की तामसिक चीजे या भोजन का सेवन ना करे यदि आप व्रत रखते है तो इस बात का विशेष ख्याल रखे.
- इस दिन वातावरण में चन्द्रमा का प्रभाव काफी तेज रहता है इसीलिए ऐसे में पूर्णिमा के दिन क्रोध बिलकुल ना करे.
- मान्यता है की पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण पर रहती है इसीलिए इस दिन विष्णु जी के साथ माँ लक्ष्मी जी की आराधना करना बिलकुल ना भूले.
- पूर्णिमा पर पूजा के दौरान व्रत कथा अवश्य पढ़नी या सुननी चाहिए.