मकर संक्रांति तिथि शुभ मुहूर्त 2020 Makar Sankranti Kab Hai 2022
मकर संक्रांति 2022 तिथि व शुभ मुहूर्त Makar Sankranti Dates Pooja Timing 2022
- साल 2022 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा|
- उत्तरायण संक्रान्ति का क्षण रहेगा – 14 जनवरी शुक्रवार दोपहर 02:43 मिनट पर |
- संक्रांति पुण्यकाल मुहूर्त होगा – 14 जनवरी दोपहर 02:43 मिनट से शाम 05:45 मिनट तक|
- संक्रांति महापुण्य काल मुहूर्त होगा – 14 जनवरी दोपहर 02:43 मिनट से प्रातःकाल 04:28 मिनट तक|
मकर संक्रांति का महत्व Makar Sankranti Importance
धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृश्टिकोण से अगर देखे तो मकर संक्रांति पर्व का खास महत्व है। प्राचीन कथाओ के अनुसार इस दिन सूर्य भगवान अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। शनि मकर व कुंभ राशि के स्वामी है। जिस कारण यह पर्व पिता-पुत्र के इस अनोखे मिलन का प्रतीक है. कुछ जगहों पर तो नई फसल और नई ऋतु के आगमन के तौर पर भी मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जाती है। इस पर्व के दौरान तिल और गुड़ से बने लड्डू व अन्य मीठे पकवान बनाने की परंपरा है। मान्यता है की इस समय ठंड का मौसम होता है इसीलिए इस दौरान तिल व गुड़ से बने लड्डू बनाये जाते है जो स्वास्थ की दृस्टि से लाभदायक होते है।
मकर संक्रांति व्रत व पूजा विधि Makar Sankranti Pooja Vidhi
Makar Sankranti Date Time 2022- मान्यता है की मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करना बहुत ही पुण्यकारी होता है इसीलिए यदि संभव हो तो इस दिन प्रातःकाल उठकर किसी नदी, तालाब या शुद्ध जलाशय में स्नान करें नहीं तो सूर्योदय से पहले उठकर तिल मिले पानी से स्नान करे इसके बाद सूर्य देव की आराधना कर उन्हें जल का अर्घ्य देकर ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करे. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस दिन तीर्थों में गंगा स्नान और दान करने से पुण्य फलो की प्राप्ति होती है। स्नान अदि के बाद ब्राह्मणों व गरीबों को दान करना भी बहुत ही शुभ होता है विशेष रूप से इस दिन दान में आटा, दाल, चावल, खिचड़ी और तिल के लड्डू दिए जाते हैं। इसके बाद घर आकर सभी में तिल व गुड़ का प्रसाद वितरण करना चाहिए.
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मकर संक्रांति पर खिचड़ी का महत्व Makar Sankranti Khichdi Mahatva
Makar Sankranti Date Time 2022- मकर संक्रांति के दिन विशेष रूप से खिचड़ी बनाने, खाने और खिचड़ी का दान करना शुभ माना जाता है इसीलिए बहुत सी जगहों पर इस पर्व को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चावल को चंद्रमा का प्रतीक और काली उड़द की दाल को शनि का प्रतीक माना जाता हैं कहा जाता है की मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने और दान करने से कुंडली में ग्रहों की स्थिती मजबूत होती है। इसी कारण इस दिन खिचड़ी खाने और दान करने का बहुत अधिक महत्व है.