पौष अमावस्या शुभ योग 2022 Paush Amavasya Date Time 2022 

पौष अमावस्या 2022 विधि व नियम Paush Amavasya Upay 2022

Paush Amavasya Date Time 2022 Paush Amavasya Date Time 2022  शास्त्रों में पौष माह की अमावस्या का खास महत्व होता है हर माह कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है. पंचांग के अनुसार रविवार और अमावस्या के योग में सूर्य पूजा के साथ ही पितरों के लिए भी धर्म-कर्म करना शुभ माना जाता है. इस बार पौष मास की अमावस्या 2 जनवरी रविवार के शुभ योग में आ रही है इसीलिए दिन पितरों की शान्ति के लिये व्रत पूजन का विशेष महत्व होगा. आज हम आपको साल 2022 पौष मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, शुभ योग बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बात करेंगे.

पौष अमावस्या शुभ मुहूर्त 2022 Paush Amavasya 2022 Date Time

  1. साल 2022 में पौष अमावस्या 2 जनवरी रबिवार को है.
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 2 दिसम्बर प्रातःकाल 03:41 मिनट पर|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 3 जनवरी प्रातःकाल 12:02 मिनट पर |

पौष अमावस्या शुभ योग 2022 Paush Amavasya Shubh Yog 2022

साल 2022 में पौष मास की अमावस्या रविवार के शुभ योग में आ रही है साथ ही ज्योतिष की माने तो इस इस अमावस्या पर सुबह 07:14 मिनट से शाम 04:23 मिनट तक सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा. मान्यता है की इस शुभ और विशेष योग में किये गए कार्य जीवन में सफलता दिलाने वाले होते है.

अमावस्या पूजा विधि Amavasya Pooja Vidhi

पौष मास की अमावस्या के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद सूर्य देवता को शुद्ध जल में लाल पुष्प और लाल चन्दन डालकर जल का अर्घ्य दे. इसके बाद पितरो के निमित तर्पण करे. इस दिन आप चाहे तो पितरो की शांति के लिए उपवास भी कर सकते है अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ और तुलसी के पौधे को जल का अर्घ्य देकर उनके समक्ष दीपक जलाये और परिक्रमा करे. इसके बाद पितरो के नाम से दान पुण्य करे. पौष का पूरा महीना पितरो को समर्पित होता है. पौष अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध कर्म स्नान, दान-पुण्य और पितृ तर्पण करना शुभ माना जाता है।

अमावस्या नियम Amavasya Niyam

  1. यदि संभव हो तो इस दिन प्रातःकाल नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर पितरो का तर्पण करे.
  2. इस दिन किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं।
  3. अमावस्या के दिन अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल आदि चीजों का का दान करें।
  4. अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करें इससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  5. अमावस्या के दिन पूर्ण रूप से सात्विकता का ख्याल रखे.
  6. इस दिन घर पर आये किसी व्यक्ति को खाली हाथ ना जाने दे क्योकि अमावस्या दान व तर्पण का दिन होता है.
  7. इस दिन किसी भी बड़े बूढ़े का अपमान ना करे.
  8. सोमवती अमावस्या के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे प्याज,लहसुन आदि का सेवन ना करें।
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