आषाढ़ कृष्ण कालाष्टमी व्रत 2020 kalashtami Vrat Kab Hai 2020 June Me 

काल भैरव पूजा विधि kalashtami Date Time Shubh Muhurat 2020

कालाष्टमीकालाष्टमी – प्रत्येक माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है पौराणिक कथाओ के अनुसार मान्यता है की कृष्णा अष्टमी के दिन भगवान शिव अपने भैरव स्वरूप में प्रकट हुए थे और इसीलिए इस दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरूप की पूजा करने की मान्यता काफी प्राचीन है. भगवान काल भैरव को शिव का पांचवा अवतार माना गया है. शास्त्रों में आषाढ़ मास मास व्रत त्योहारों की दृष्टि से शुभ होता है आज हम आपको साल 2020 आषाढ़ माह कालाष्टमी व्रत की शुभ तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इस दिन किये जानें वाले उपाय के बारे में बताएँगे.

कालाष्टमी व्रत शुभ मुहूर्त 2020 kalashtami Date Puja Shubh Muhurat 2020

  1. साल 2020 आषाढ़ माह में कालाष्टमी का व्रत 13 जून शनिवार के दिन रखा जाएगा.
  2. आषाढ़, कृष्ण अष्टमी शुरू होगी 12 जून सायंकाल 10 बजकर 52 मिनट पर|
  3. अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 14 जून प्रातःकाल 12 बजकर 58 मिनट पर|

कालाष्टमी काल भैरव जयंती पूजा विधि Kaal Bhairav Jayanti 2020

कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरुप की पूजा की जाती है. वैसे तो कालाष्टमी व्रत की पूजा रात्रि में की जाती हैं. भैरव बाबा को तांत्रिक देवता भी कहा जाता है इसीलिए इनकी पूजा रात में करने का विधान है लेकिन अष्टमी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प करे और भगवान भैरवनाथ की पूजा में उन्हें अबीर, गुलाल, चावल, फूल और सिंदूर चढ़ाये और उनकी कृपा पाने के लिए नीले रंग के पुष्प पूजा में अर्पित करे इसके बाद भैरव नाथ की व्रत कथा पढ़े. अर्धरात्रि में एक बार फिर काले तिल,, उड़द और सरसों के तेल से काल भैरव की पूजा करें। मान्यता है की इस तरह विधि विधान के साथ की गयी पूजा के फलस्वरूप व्यक्ति की मनोकामना तो पूरी होती ही है साथ ही इनकी पूजा करने से किसी चीज़ का भय नहीं रहता और जीवन में समृद्धि आती है.

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भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए करे ये उपाय Kalashtami Upay

  1. कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को मीठी रोटी बनाकर खिलाये इससे न सिर्फ भगवान भैरव नाथ बल्कि शनिदेव की भी कृपा भी प्राप्त होती है.
  2. कालाष्टमी के दिन व्रत रखकर भगवान भैरवनाथ की पूजा के अलावा भगवान शिव और माता पार्वती की कथा व पूजन करने से घर में सुख और समृद्धि आती हैं। मान्यता है की कालाष्टमी के दिन यदि भगवान शिव की पूजा की जाय तो भगवान भैरव नाथ जी प्रसन्न होते है क्योंकि भगवान भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश के रूप में हुई मानी गयी है.
  3. कालाष्टमी के दिन 21 बिल्वपत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाएं इससे भगवान भैरव प्रसन्न होकर भक्तो को सफलता का आशीर्वाद देते है.
  4. कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को सिंदूर, सरसों का तेल, नारियल, चना, इनमे से कोई भी चीज चढ़ाये और सरसो के तेल का दीपक जलाएं.
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