ज्येष्ठ पूर्णिमा उपाय Jyestha Purnima Puja Vidhi Upay 2021
ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2021 Jyestha Purnima Shubh Muhurat 2021
- साल 2021 में ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 24 जून गुरुवार के दिन रखा जाएगा.
- पूर्णिमा तिथि आरम्भ होगी – 24 जून प्रातःकाल 03:32 मिनट पर |
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 25 जून प्रातःकाल 12:09 मिनट पर |
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि Jyestha Purnima Vrat Vidhi
ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है– ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व उठकर यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी जलाशय अन्यथा घर पर ही स्नान कर व्रत का संकल्प करे मान्यता है की आज के दिन पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु माँ लक्ष्मी जी के साथ वास करते हैं। इसलिए आज प्रातः एक लोटा कच्चा दूध मिले जल में बताशा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करे इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा पूजास्थल पर स्थापित कर उन्हें चंदन का तिलक कर उन्हें पीले फल फूल, सुपारी, केले के पत्ते चढ़ाये और सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करे साथ ही रात्रि में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य देकर किसी जरूरतमंद को दान दक्षिणा देकर पूजा संपन्न करे.
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ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय / काम Jyestha Purnima upay
- शास्त्रों में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। मान्यता है की इस दिन से श्रद्धालु गंगा जल लेकर अमरनाथ यात्रा के लिये निकलते हैं। यह हिन्दू वर्ष का तीसरा माह होता है। इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है इसलिए इस महीने में जल का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। यदि आज के दिन कुछ उपाय किये जाय तो कहते है की व्यक्ति को जीवन में सभ सुखो और धन धन्य की प्राप्ति होती है. आइये जानते है इस दिन किये जाने वाले विशेष कार्य और उपाय क्या है.
- पूर्णिमा तिथि पर भगवन सत्यनारायण की व्रत कथा का श्रवण करने से व्यक्ति के सभी दुःख दूर होते है.
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पूजा के समय माँ लक्ष्मी जी को 11 कौड़ियां हल्दी का तिलक कर अर्पित करे और अगले दिन इन्हे लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी में रख दें इससे जीवन में सुख समृद्धि और आर्थिक सम्पन्नता होती है.
- कहते है की आज के दिन पीपल के वृक्ष पर भगवान विष्णु जी देवी लक्ष्मी संग विराजते है इसलिए आज सुबह स्नान कर यदि एक लोटा कच्चा दूध मिला जल बताशा या चीनी डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित किया जाय तो है धन लाभ के योग बनते है.
- घर के मंदिर में विष्णु जी के सामने दीपक जलाकर पूजा करें और घर को फूलों से उनका श्रृंगार करे.