छठ पूजा 2019 पूजा विधि Chhath Pujan Vidhi
Chatth Puja -छठ पूजा हिंदूओं के सभी प्रमुख त्योहारों में से एक है छठ पूजा का पर्व सूर्यदेव की उपासना का पर्व है। प्राचीन कथाओं के अनुसार छठ मैय्या को सूर्य देवता की बहन माना गया हैं। कहा जाता है कि यदि इस दिन सूर्य कि उपासना कि जाय तो छठ मैय्या प्रसन्न होकर धन धान्य से संपन्न करती हैं।आज हम इस विडिओ में आपको साल 2019 में मनाये जाने वाले छठ पर्व की तिथि शुभ मुहूर्त और इसके पूजा विधि के बारे में बताएँगे.
छठ पूजा तिथि व शुभ मुहूर्त 2019 Chhath Puja Tithi Shubh Muhurt
- साल 2019 में छठ पूजा का पर्व 2 नवंबर शनिवार के दिन मनाया जाएगा.
- 2 नवंबर शनिवार छठ पूजा सूर्यास्त का समय होगा शाम 05 बजकर 36 मिनट|
- 3 नवंबर रविवार छठ पूजा सूर्योदय का समय होगा प्रातःकाल 06 बजाकर 33 मिनट|
- षष्ठी तिथि प्रारम्भ होगी 2 नवंबर दोपहर 12 बजकर 51 मिनट पर|
- षष्ठी तिथि समाप्त होगी 3 नवंबर शाम 01 बजकर 31 मिनट पर|
छठ पर्व व्रत विधि Chhath Puja Vidhi
छठ पर्व की पूजा चार दिनों तक चलती है इसे यह चार दिवसीय उत्सव भी कहा जाता है इस पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि को इसका समापन किया जाता है. आइये जानते है इन चार दिनों को किस तरह पूजा जाता है .
पहला दिन नहाय खाय First day of Chhath Puja
नहाय खाय छठ पूजा के पहले दिन होता है इस दिन स्नान के बाद घर की साफ-सफाई की जाती है और सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है.
दूसरा दिन खरना Second Day of Chhath Puja
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना कहलाता है। इस दिन निर्जल उपवास रखा जाता है. यानि की इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति जल ग्रहण नहीं करता है। इस दिन संध्याकाल के समय गुड़ की खीर, घी लगी हुई रोटी और फल प्रसाद के तौर पर ग्रहण किये जाते है.
तीसरा दिन संध्या अर्घ्य Third Day of Chhath Puja
कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन यानि कि छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय सूर्य भगवान अर्घ्य देने का विधान है अर्घ्य देने के लिए बाँस की टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल से बने लड्डू आदि चीजों से सूप सजाया जाता है और व्रत करने वाला व्यक्ति अपने परिवार के साथ सांध्यकाल के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देता है. सूर्य देव को जल और दूध का अर्घ्य देने के बाद सजाये गए सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है। सूर्य देव कि पूजा के बाद छठी मैय्या के गीत गाकर व्रत कथा सुनी जाती है।
चौथा दिन उषा काल अर्घ्य Fourth Day of Chhath Puja
छठ पर्व के चौथे दिन प्रातःकाल सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए किसी नदी के घाट पर पहुंचकर उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता हैं और छठ मैय्या से अपने परिवार की सुख समृद्धि कि कामना की जाती है.
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छठ पूजा का महत्व Importance of Chhath Puja
शास्त्रों और ज्योतिष अनुसार छठ पूजा का अलग-अलग महत्व होता है. सूर्य के प्रकाश में कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है। जिस कारण इसके प्रभाव से व्यक्ति को आरोग्य, तेज और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। छठ पर्व पर सूर्य देव और छठी मैय्या का पूजन करने से संतान सुख और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृश्टिकोण से भी छठ पर्व महत्वपूर्ण माना जाता है एक विशेष खगोलीय घटना जिस समय सूर्य धरती के दक्षिणी गोलार्ध रहता है। इस दौरान सूर्य की पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर बहुत अधिक मात्रा में एकत्रित हो जाती है जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक मानी जाती है इसीलिए छठ पर्व पर सूर्य देव की उपासना का महत्व बढ़ जाता है और व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है.