धनतेरस तिथि व शुभ मुहूर्त 2024 Dhanteras Puja Vidhi
Dhanteras 2024 पंचोत्सव पर्व यानि दिवाली का पर्व पूरे 5 दिनों का होता है जिसकी शुरुवार धनतेरस के साथ होती है. पौराणिक कथाओ में धनतेरस का खास महत्व है. धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है इसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक भगवन धन्वंतरि जी समुद्र मंथन से अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे. इसीलिए इस दिन बर्तन या अन्य धातु खरीदना शुभ होता है. आइये जानते है साल 2024 धनतेरस कब है, पूजा व खरीदारी के शुभ मुहूर्त, और इसकी पूजा विधि क्या है|
धनतेरस तिथि व मुहूर्त 2024 dhanteras date muhurat 2024
- साल 2024 में धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर मंगलवार को है|
- पूजा का शुभ मुर्हुत होगा- 29 अक्टूबर सायंकाल 06:31 मिनट से रात्रि 08:13 मिनट |
- प्रदोष काल पूजा मुहूर्त – सायंकाल 05:38 मिनट से रात्रि 08:13 मिनट |
- वृषभ काल पूजा मुहूर्त – सायंकाल 06:31 मिनट से रात्रि 08:27 मिनट |
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी – 29, अक्टूबर प्रातःकाल 10:31 मिनट |
- त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 30, अक्टूबर दोपहर 01:15 मिनट |
धनतेरस पूजा विधि Dhanteras pujan vidhi
धनतेरस के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे. धनतेरस की पूजा प्रदोष काल में की जाती है इस दिन प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में पूजास्थल पर भगवन कुबेर, धन्वंतरि और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा स्थापित कर उनके सामने घी का दीपक जलाये. सबसे पहले गणेश जी का पूजन करे. सभी का तिलक कर फल, फूल, धूप-दीप, व अन्य पूजन सामग्री अर्पण करे. भगवान् कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई का भोग लगाए. पूजा के बाद घर के बाहर मुख्य द्वार और आंगन में दीप जलाये. धनत्रयोदशी की रात यम देवता का पूजन भी किया जाता है इसीलिए घर की दक्षिण दिशा में यम के नाम का दीपक जलना चाहिए.
धनतेरस का महत्व dhanteras bartan khareedne ka mehtva
कथाओ के अनुसार धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है मान्यता है की इसी दिन धन्वन्तरि जी समुंद्र मंथन के दौरान हाथो में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे तभी से इस दिन बर्तन खरीदने का खास महत्व है. इस दिन विशेषकर पीतल और चाँदी से बने बर्तन खरीदना शुभ होता है क्योकि पीतल को भगवान् धन्वंतरी जी की धातु माना गया है जो व्यक्ति को आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ प्रदान करती है.