देवउठनी एकादशी के दिन ना करे ये 5 काम Dev Uthani Ekadashi Niyam

देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त 2023 Dev Uthani Ekadashi 2023

Dev Uthani Ekadashi Niyam कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहते है. यह साल में आने वाली सभी एकादशियों में सर्वोपरि मानी जाती है. शास्त्रों में वर्णित मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी का व्रत करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर का पुण्य प्राप्त होता है इस दिन दान यज्ञ आदि करने से व्यक्ति को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है देवउठनी एकादशी के दिन भगवन विष्णु चार माह के शयन के बाद जागेंगे. आइये जानते है साल 2023 में देवउठनी एकादशी कब है, शुभ मुहूर्त और इस दिन कौन से कार्य वर्जित माने जाते है|

 देवउठनी एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2023 Dev Uthani Ekadashi Date Time 2023

  1. साल 2023 में देवउठनी एकादशी का व्रत 23 नवंबर गुरुवार के दिन रखा जाएगा|
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ – 22, नवम्बर रात्रि 11:03 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 23, नवम्बर रात्रि 09:01 मिनट पर|
  4. व्रत के पारण का समय – 24 नवम्बर प्रातःकाल 06:51 मिनट से प्रातःकाल 08:57 मिनट तक|
  5. द्वादशी तिथि की समाप्ति – 24 नवंबर को शाम 07:06 मिनट पर|
  6. आइये जानते है इस दिन कौन से कार्य नहीं करने चाहिए|

चावल का सेवन नहीं करना चाहिए Ekadashi Niyam

पौराणिक कथाओ के अनुसार एकादशी के व्रत में चावल खाना वर्जित माना गया है मान्यता है की चावल खाने से शरीर में आलस बढ़ता है और मन भक्ति में नहीं लगता वही वैज्ञानिक दृश्टिकोण से चावल में जल की मात्रा अधिक होने के कारण इसके सेवन से शरीर में जल की मात्रा भी बढ़ जाती है जिस कारण शरीर में चंचलता बढ़ने लगती है ऐसे में एकादशी कके दी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.

सूर्योदय के बाद ना सोये Ekadashi Niyam

शास्त्रों के अनुसार व्रत वाले दिन देर तक सोना वर्जित होता है बहुत से लोग देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखकर तुलसी विवाह का आयोजन करते है विशेषकर व्रत करने वाले व्यक्ति को इस दिन सूर्योदय से पूर्व ही उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा और तुलसी विवाह करना चाहिए. इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है.

निंदा नहीं करनी चाहिए Ekadashi Niyam

शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन किसी दूसरे व्यक्ति की चुगली, झूठ बोलना या किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए. इससे व्यक्ति का मन दूषित होता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कभी भी दूषित मन से भक्ति नहीं किया जाता है क्योकि इससे व्रती को पूजा पाठ व व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं हो पाता है.

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तामसिक भोजन न करे Ekadashi Niyam

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रत के दौरान सात्विकता का खास रखना चाहिए. एकादशी व्रत के दिन लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन से व्यक्ति में काम भावना बढ़ने लगत्ती है जिससे मन अशुद्ध होता है. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

तुलसी के पत्ते न तोड़े Ekadashi Vrat Niyam

शास्त्रों के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी जी के पौधे को नहीं छूना चाहिए क्योंकि इस दिन तुलसी और शालीग्राम का विवाह होता है. ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी पर जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए ना ही तुलसी तोड़नी चाहिए क्योंकि एकादशी के दिन माँ तुलसी भगवन विष्णु के लिए व्रत रखती है|

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